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PLI योजना से आया 95 हजार करोड़ का निवेश, 6.4 लाख से अधिक लोगों को मिला रोजगार

तीन साल की अवधि में मोबाइल उत्पादन में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई।’ मंत्रालय के अनुसार, 2022-23 में कुल इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन 101 अरब अमेरिकी डॉलर का था जिसमें से स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 44 अरब अमेरिकी डॉलर की थी। निर्यात 11.1 अरब अमेरिकी डॉलर का किया गया।

Alok Kumar Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: December 26, 2023 14:41 IST
PLI- India TV Paisa
Photo:FREEPIK पीएलआई

केंद्र सरकार की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के कारण सितंबर तक 95 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है, इसके परिणामस्वरूप 7.80 लाख करोड़ रुपये के सामान का उत्पादन हुआ है। यह जानकारी मंगलवार को वाणिज्य उद्योग विभाग ने दी। 14 क्षेत्रों में शुरू की गई पीएलआई योजनाओं ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 6.4 लाख से अधिक रोजगार पैदा किए हैं।

 

दवा, एलईडी तथा एयर कंडीशनर और इलेक्ट्रिक उत्पादों जैसे 14 क्षेत्रों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के तहत नवंबर 2023 तक 746 आवेदनों को मंजूरी दी गई है। एक आधिकारिक बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी गई। भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाने के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 14 क्षेत्रों के लिए योजनाओं की घोषणा की गई। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, लाभार्थी कंपनियों ने (24 राज्यों के) 150 से अधिक जिलों में इकाइयां स्थापित की हैं। सितंबर तक 95,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश दर्ज किया गया, जिससे 7.80 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन/बिक्री हुई है और 6.4 लाख से अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए। बयान में कहा गया है, ‘नवंबर 2023 तक 746 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं। 2022-23 में करीब 2,900 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन वितरित किए गए हैं। 

मोबाइल उत्पादन में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई

तीन साल की अवधि में मोबाइल उत्पादन में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई।’ मंत्रालय के अनुसार, 2022-23 में कुल इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन 101 अरब अमेरिकी डॉलर का था जिसमें से स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 44 अरब अमेरिकी डॉलर की थी। निर्यात 11.1 अरब अमेरिकी डॉलर का किया गया। बयान में कहा गया, ‘दूरसंचार क्षेत्र में 60 प्रतिशत का आयात प्रतिस्थापन हासिल किया गया है। भारत एंटीना, जीपीओएन (गीगाबिट पैसिव ऑप्टिकल नेटवर्क) और सीपीई (ग्राहक परिसर उपकरण) में करीब-करीब आत्मनिर्भर हो गया है।’’ दवा क्षेत्र में कच्चे माल के आयात में भी उल्लेखनीय कमी आई है। बयान के अनुसार, ‘ भारत में पेनिसिलिन-जी सहित अद्वितीय मध्यवर्ती सामग्री और थोक दवाओं का निर्माण किया जा रहा है। सीटी स्कैन, एमआरआई जैसे चिकित्सकीय उपकरणों के निर्माण में प्रौद्योगिकी अपनी जगह बना रही है।’ 

‘व्हाइट गुड्स’ सेगमेंट के लिए 64 कंपनियों का चयन

‘व्हाइट गुड्स’ खंड (एसी और एलईडी लाइट आदि) में पीएलआई के तहत 64 कंपनियों का चयन किया गया है। इसमें से 34 एयर कंडीशनर घटकों के लिए 5,429 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे और 30 एलईडी घटक विनिर्माण के लिए 1,337 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। मंत्रालय ने कहा, ‘6,766 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश से करीब 48,000 लोगों के लिए अतिरिक्त प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न करने की परिकल्पना की गई है।’ बयान में कहा गया, इस योजना के तहत 13 विदेशी कंपनियां 2,090 करोड़ रुपये का निवेश कर रही हैं। 

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