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गेमिंग एप पर लगा बैन, जानिए चुनौती के बीच क्या अवसर देख रही है सरकार

2019 में दुनिया भर की गेमिंग इंडस्ट्री का आकार 152 अरब डॉलर का था, जो कि दुनिया भर के कुल बॉक्स ऑफिस कारोबार का 3 गुना था। इसमें आने वाले समय में और बढ़त का अनुमान है

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: September 02, 2020 19:08 IST
online gaming- India TV Paisa
Photo:MEDIATEK

online gaming

नई दिल्ली। सरकार ने आज देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 118 एप पर बैन लगा दिया है। इन एप्स में 34 गेमिंग एप्स हैं इनमें से भी कुछ की भारत में पकड़ काफी मजबूत है। भारत सरकार लगातार इस दिशा में काम कर रही है, जिससे इन एप्स के खतरे से न केवल बचा जा सके साथ ही इस चुनौती को एक अवसर में भी बदला जा सके। 23 सितंबर को हुई प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक से ही गेमिंग को लेकर सरकार की रणनीति के संकेत मिलने लगे थे, जिससे सरकार को ऐसी स्थिति में दोतरफा फायदा हो सके। खिलौना उद्योग पर हुई इस बैठक में सरकार ने स्वदेशी ऑनलाइन गेमिंग को बढ़ावा देने के उपायों पर भी चर्चा की थी।

 

पबजी को लेकर सुरक्षा एजेंसियों और समाज दोनों तरफ से शिकायतें

 

पबजी को लेकर सुरक्षा एजेसिंयों से लेकर समाज के कई हिस्सों से शिकायतें मिल रही थीं। लगातार ऐसे खबरे आती रहती थीं जिसके मुताबिक पबजी की लत की वजह से बच्चों ने कोई गलत कदम उठा लिया। सरकार इसके कंटेट को लेकर सतर्क थी। वहीं देश के करोड़ो यूजर के आंकड़ों के गलत हाथों में जाने का खतरा बना हुआ था। आज के आदेश में भी सरकार ने जिक्र किया है कि इन एप्स को लेकर ऐसा शिकायतें मिली थीं जो देश की सुरक्षा के लिहाज से काफी चिंताजनक थीं। सरकार जानती है कि इन एप्स पर लगाम लगाने से सुरक्षा तो तय होगी लेकिन गेमिंग इंडस्ट्री में एक बड़ा अंतर पैदा हो जाएगा, ये चुनौती भारतीय गेमिंग उद्योग के लिए एक बड़ा अवसर बन सकता है।

स्वदेशी ऑनलाइन गेमिंग पर सरकार का जोर

23 सितंबर को देश के खिलौना सेक्टर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट के सीनियर मंत्रियों से बात की थी, जिसमें सरकार की रणनीति के संकेत मिले थे। प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों और युवाओं के लिए खास इवेंट्स का आयोजन करने को कहा था जिसमें वो ऑनलाइन गेम्स पर अपने आइडिया को सामने रखें। इससे सेग्मेंट के विकास में युवाओं की भागेदारी बढ़ाई जा सके।

टिकटॉक बैन से मिला था स्वदेशी एप को फायदा

सरकार पिछले एप बैन से मिलने वाले दोतरफा फायदे को देख चुकी है। टिकटॉक पर बैन लगाने से एक तरफ सुरक्षा संबंधी चिंताएं खत्म हुई हैं, वहीं चिंगारी जैसे स्वदेशी एप्स में अचानक तेजी दर्ज हुई। टिकटॉक जैसी सर्विस देने वाले कई स्वदेशी एप्स अब बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं। संभावना है कि गेमिंग एप्स पर बैन लगाने से एक तरफ भारत की सुरक्षा से जुडी चिंताएं कम होंगी वहीं दूसरी तरफ स्वदेशी ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को भी अपनी पहचान बनाने में मदद मिलेगी। 2019 में दुनिया भर की गेमिंग इंडस्ट्री का आकार 152 अरब डॉलर का था, जो कि दुनिया भर के कुल बॉक्स ऑफिस कारोबार का 3 गुना था।   

इंडियन एयर फोर्स का मोबाइल गेम मौजूद

आईओएस और एंड्रॉयड यूजर के लिए भारतीय वायु सेना का Simulation game, Indian air force- a cut above पहले से ही मौजूद है, जहां आप तेजस, राफेल , मिराज और सुखोई को उड़ा सकते हैं। अगर पबजी बैन होने से आप खाली महसूस कर रहे हैं तो इस देशी एप पर फाइटर प्लेन उड़ा कर ये कमी पूरी कर सकते हैं।

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