us regulators fined facebook of 5 billion dollar for privacy violation
वाशिंगटन। अमेरिकी रेग्युलेटर फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) ने डेटा लीक मामले में फेसबुक पर 5 अरब डॉलर (करीब 34 हजार करोड़ रुपए) के जुर्माने की सिफारिश की है। वालस्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के नियामक ने सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर निजता और आंकड़ों की सुरक्षा में खामी की जांच से जुड़े एक मामले के निपटान के लिए पांच अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है। किसी टेक कंपनी पर यह अब तक की सबसे बड़ी पेनल्टी होगी।
खबर के मुताबिक संघीय व्यापार आयोग ने चल रही जांच के निपटान को 3- 2 के मत से मंजूरी दे दी। उपभोक्ता संरक्षण एजेंसी के दो डेमोक्रेटिक सदस्यों ने इस पर असहमति जताई। आयोग द्वारा निजता जांच मामले में लगाया गया यह अब तक का सबसे अधिक राशि का जुर्माना है। हालांकि, इस जुर्माने पर अंतिम मुहर लगने से पहले अमेरिकी न्याय विभाग की मंजूरी मिलना बाकी है।
निजता उल्लंघन के मामले कई देशों में फेसबुक पर चल रहा मामला
बता दें दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया नेटवर्क फेसबुक को अमेरिका और दुनिया भर के तमामा देशों में यूजर्स की निजता के उल्लंघन के मामले में पूछताछ और जांच का सामना करना पड़ रहा है। फेसबुक से यह भी पूछा गया है कि क्या उसने पहले किए गए समझौते का उल्लंघन करते हुए बिजनेस पार्टनर्स के साथ अनुचित तरीके से यूजर्स का डाटा शेयर तो नहीं किया था।
इससे पहले 2012 में गूगल पर 154 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा था। मार्च 2018 में फेसबुक के डेटा लीक का सबसे बड़ा मामला सामने आया था। एफटीसी ने फेसबुक को यूजर्स के डेटा की प्राइवेसी और सुरक्षा में चूक का दोषी पाया है। ब्रिटिश कंसल्टेंसी फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका को डेटा लीक करने के मामले में फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग की अमेरिकी संसद में भी पेशी हुई थी। उसके बाद एफटीसी ने जांच शुरू कर दी थी।
फेसबुक ने अपने खिलाफ जांच शुरू होने के बाद ही कानूनी समझौते के लिए 3 से 5 अरब डॉलर के सेटलमेंट का प्रस्ताव रखा था। एफटीसी ने भी मामले की जांच खत्म करने के लिए इन्हीं शर्तों के तहत कंपनी पर जुर्माने की रकम तय की। हालांकि, पेनल्टी की रकम फेसबुक के 2018 के रेवेन्यू के मुकाबले सिर्फ 9 प्रतिशत है।
यद्यपि अभी इस मामले से जुड़ी वृहद जानकारियां सामने नहीं आयी हैं लेकिन समझौते के तहत फेसबुक पर लोगों की निजी जानकारी का इस्तेमाल कैसे करे, इसे लेकर कुछ प्रतिबंध लग सकते हैं। उपभोक्ता समूह ‘पब्लिक नॉलेज’ के चैरलोटे सलाइमैन का कहना है कि इस मामले में फेसबुक के व्यवहार को बदलने के लिये यह जुर्माना काफी नहीं है।
क्या था कैम्ब्रिज एनालिटिका डेटा लीक विवाद?
ब्रिटिश कंसल्टेंसी फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक के 8.7 करोड़ यूजर्स का डेटा हासिल किया था। फेसबुक को इस बात की जानकारी थी। कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया था। एफटीसी के अलावा अमेरिकी शेयर बाजार का रेग्युलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन और डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस भी जांच कर रहे हैं।



































