घरेलू शेयर बाजारों में कारोबारी घंटे बढ़ने से वैश्विक सूचना प्रवाह के कारण दैनिक आधार पर उत्पन्न जोखिम को कम किया जा सकता है। विशेषज्ञों ने मंगलवार को यह राय जताई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के इक्विटी खंड में कारोबारी समय शाम पांच बजे तक किए जाने पर विचार की मीडिया में आई खबर के बीच विशेषज्ञों ने यह बात कही है। यह पहला मौका नहीं है जब कारोबारी घंटे बढ़ाये जाने को लेकर चर्चा तेज हुई है। फिलहाल घरेलू शेयर बाजार में कारोबार सुबह 9.15 से शाम 3.30 बजे तक होता है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के कार्यकारी निदेशक ए बालकृष्णन ने कहा कि आज की दुनिया में अर्थव्यवस्थाएं अत्यधिक जुड़ी हुई हैं और वैश्विक बाजारों का एकीकरण धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
खुदरा निवेशकों को फायदा होगा
भारतीय शेयर बाजार का रुख अमेरिका और यूरोप की अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं और बाजारों में होने वाली गतिविधियों से प्रभावित होता है। इसीलिए, जिन बाजारों में कारोबारी घंटे अधिक हैं, वे वैश्विक सूचना प्रवाह के कारण उत्पन्न होने वाले जोखिम को अधिक कुशल तरीके से रोक सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि इसीलिए एनएसई का कारोबारी समय बढ़ाने के कदम से बाजार प्रतिभागियों और खुदरा निवेशकों को मदद मिलेगी। ‘फायर्स’ के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) तेजस खोडे ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं से दैनिक आधार पर जो जोखिम होता है, उसे कम करने के लिये इक्विटी और वायदा एवं विकल्प तथा और मुद्रा खंडों में कारोबारी समय बढ़ाना आवश्यक है।
घरेलू ट्रेडर को मिलेंगे ज्यादा अवसर
जीरोधा के सह-संस्थापक नितिन कामत ने ट्विटर पर लिखा है कि वायदा एवं विकल्प खंड में विस्तारित कारोबारी घंटे शायद हमारे बाजारों की परिपक्वता का संकेत देंगे। यह घरेलू कारोबारियों के लिये समान अवसर भी उपलब्ध कराएंगे। और राजस्व के मामले में पूंजी बाजार के व्यवसायों के लिये भी अच्छा है।