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कल से आपका होम लोन हो जाएगा सस्‍ता, SBI ने जारी किए नए नियम

एसबीआई गैर-नौकरीपेशा लोगों से अतिरिक्त 15 आधार अंक का शुल्क लेगी। जो लोग उच्च जोखिम ग्रेड (आरजी) 4-6 में हैं, उन्हें इसके अलावा और 10 आधार अंक का अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: September 30, 2019 13:53 IST
Home loans likely to get cheaper from Tomorrow- India TV Paisa
Photo:HOME LOANS LIKELY TO GET

Home loans likely to get cheaper from Tomorrow

नई दिल्‍ली। एक अक्‍टूबर, 2019 से सभी बैंक अपने लोन को रेपो रेट से जोड़ने जा रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निर्देश पर रेपो रेट से लिंक होने जा रहे सभी रिटेल लोन एक अक्‍टूबर से सस्‍ते हो जाएंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि रेपो रेट के साथ लिंक होने के बाद बैंकों की कॉस्‍ट ऑफ फंडिंग कुछ मामलों में लगभग 30 आधार अंक तक घट जाएगी।

उदाहरण के लिए, भारतीय स्‍टेट बैंक (एसबीआई) ने रेपो रेट, जो वर्तमान मे 5.40 प्रतिशत है, को 2.65 प्रतिशत तक विस्‍तार दिया है, जिसके परिणामस्‍वरूप बैंक की एक्‍सटर्नल बेंचमार्क रेट 8.05 प्रतिशत है। यह नौकरीपेशा लोगों के लिए 30 लाख रुपए के तक के होमलोन पर पूर्व के मार्जिनल कॉस्‍ट ऑफ फंड आधारित ब्‍याज दर (एमसीएलआर) की प्रभावी ब्‍याज दर को 8.30 प्रतिशत से घटाकर 8.20 प्रतिशत पर ले आएगा। हालांकि, उपभोक्‍ता की प्रोफाइल के आधार पर इसमें कुछ अतिरिक्‍त शुल्‍कों को भी जोड़ा जा सकता है।

SBI New rate

SBI New rate

एसबीआई गैर-नौकरीपेशा लोगों से अतिरिक्‍त 15 आधार अंक का शुल्‍क लेगी। जो लोग उच्‍च जोखिम ग्रेड (आरजी) 4-6 में हैं, उन्‍हें इसके अलावा और 10 आधार अंक का अतिरिक्‍त शुल्‍क देना होगा।

आरबीआई ने कहा है कि लोन के लिए बेंचमार्क रेपो रेट, या तीन-माह या छह-माह ट्रेजरी बिल, या फाइनेंशियल बेंचमार्क इंडिया द्वारा जारी कोई भी अन्‍य बेंचमार्क का इस्‍तेमाल किया जा सकता है। केंद्रीय बैंक ने 4 सितंबर को अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार लाने के उद्देश्‍य से ऋण वृद्धि, उपभोग और निवेश को बढ़ावा देने के लिए मौद्रिक नीति को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सभी बैंकों से रिटेल उपभोक्‍ताओं और एमएसएमई के लिए लोन को एक्‍सटर्नल इंटरेस्‍ट रेट बेंचमार्क के साथ लिंक करने को कहा था।

SBI New rate

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बैंकों को अपने स्‍तर पर एक्‍सटर्नल बेंचमार्क तय करने की स्‍वतंत्रता दी गई है। वहीं, जोखिम प्रीमियम ऋणी की लोन हिस्‍ट्री के आधार पर बदल सकता है। रेपो रेट, यह वह दर है जिसपर बैंक आरबीआई से उधार लेते हैं, फरवरी 2010 के बाद सबसे निचले स्‍तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई है। छह-माह के ट्रेजरी बिल की दर, जो फरवरी में 6.4 प्रतिशत थी, अब 5.48 प्रतिशत है।

फरवरी 2019 से अगस्‍त 2019 के बीच रेपो रेट में 110 आधार अंकों की कटौती हो चुकी है, लेकिन इसकी तुलना में एमसीएलआर में केवल 20 आधार अंकों की ही कटौती की गई है।

आईसीआरए की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक्‍सटर्नल बेंचमार्किंग के परिणामस्‍वरूप ईएमआई में बहुत अधिक बदलाव आएगा। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि रेपो रेट में 50 आधार अंकों की वृद्धि के परिणामस्‍वरूप 15 साल के लिए लिए गए 75 लाख रुपए की ईएमआई में 2,200 रुपए का इजाफा होता है। वहीं 100 आधार अंकों की वृद्धि के परिणामस्‍वरूप ईएमआई में लगभग 4500 रुपए का इजाफा होगा।   

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