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Mutual Funds में निवेश करना ही काफी नहीं! शानदार रिटर्न के लिए इस तरह करें सही फंड का चुनाव

बाजार के जानकारों का कहना है कि किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करते वक्त निवेशकों को पता होना चाहिये की वह किस फंड में निवश कर रहा है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Nov 04, 2022 11:29 IST, Updated : Nov 13, 2022 6:56 IST
म्यूचुअल फंड- India TV Paisa
Photo:INDIA TV म्यूचुअल फंड

Mutual Funds में ज्यादातर निवशक बिना सोचे-समझे निवेश कर देते हैं। वो मानकर चलते हैं कि म्यूचुअल फंड में निवेश कर दिया है तो शानदार रिटर्न मिलेगा। हालांकि, ऐसा नहीं है। बेहतर रिटर्न के लिए सही म्यूचुअल फंड का चुनाव करना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर फायदे की जगह नुकसान होने का भी खतरा रहता है। बाजार के जानकारों का कहना है कि किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करते वक्त निवेशकों को पता होना चाहिये की वह किस फंड में निवश कर रहा है। क्योंकि इसी के आधार पर तय होगा निवेश पर कितना जोखिम है और रिटर्न कितना मिलेगा। तो आइए, जानते हैं कि म्यूचुअल फंड में कौन-कौन से फंड और किसमें निवेश करना सबसे सही। 

Equity Funds

इक्विटी फंड स्कीम का कम से कम 65 प्रतिशत निवेश शेयरों में होता है, जिसे 100 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। उच्च इक्विटी एक्सपोजर के कारण, ऐसे फंड बाजार के उतार-चढ़ाव से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं और जोखिम अधिक होता है। हालांकि, लंबी अवधि में निवेशकों को सबसे शानदार रिटर्न मिलता है। 

इक्विटी फंड क्यों: म्यूचुअल फंड की इक्विटी ही एकमात्र स्कीम जिसमें महंगाई को मात देने की क्षमता है। 

कितने साल के लिए करें निवेश: इक्विटी फंडों पर बाजार के उतार-चढ़ाव का सबसे ज्यादा असर होता है। ऐसे में आपको कम से कम 3 साल से ज्यादा समय के लिए निवेश करना चाहिए। निवेश की अवधि जितनी अधिक होगी, जोखिम कम होगा और बेहतर रिटर्न मिलेगा।

ELSS

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) म्यूचुअल फंड की विशेष स्कीम हैं, जिसमें निवेश करने पर आपको इनकम टैक्स की धरा 80सी के तहत कर छूट मिलती है। लेकिन इसमें 3 साल की लॉक इन अवधि होती है। ईएलएसएस की अन्य विशेषताएं इक्विटी फंड के समान हैं।

Debt Funds

डेट स्कीम फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटी में निवेश करते हैं,जैसे बॉन्ड, कॉर्पोरेट बॉन्ड, गर्वनमेंट सिक्योरिटी, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स आदि। इस स्कीम का लक्ष्य निवेशकों को एक स्थिर और नियमित आय देना होता है। इसमें जोखिम कम लिया जाता है और रिटर्न भी सीमित होता है। 

क्यों करें निवेश: कम जोखिम लेने वाले निवेशक इस स्कीम का चुनाव कर सकते हैं। इसमें कम जोखिम पर एफडी से ज्यादा रिटर्न मिलता है। 

निवेश की अवधि: निवेश की अवधि विभिन्न डेट फंडों के लिए अलग-अलग हो सकती है। 1-3 साल के लिए पैसा लगाना बेहतर होगा। 

Liquid Funds

लिक्विड फंड भी डेट फंड श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। इसके पोर्टफोलियो में बहुत कम परिपक्वता अवधि वाले उत्पाद होते हैं। इस तरह के फंड 1-60 दिनों की निवेश अवधि के लिए आदर्श होते हैं। ऐसे फंड का नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) शनिवार और रविवार को भी निर्धारित किया जाता है। इसलिए, छुट्टियों में भी इससे निकासी संभव है। 

Hybrid Funds

कम जोखिम के साथ इक्विटी रिटर्न प्रदान करने के उद्देश्य से हाइब्रिड फंड इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट दोनों में निवेश करते हैं।

हाइब्रिड स्कीम क्यों: बाजार में तेजी का फायदा उठाने के लिए यह फंड बेहतर है। इसके साथ ही आप निश्चित आय के लिए भी इसका चुनाव कर सकते हैं। यह आपको बाजार में तेज उतार-चढ़ाव से भी सुरक्षा देता है।

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