फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक पहली नवंबर तक केंद्रीय पूल में कुल 238.50 लाख टन गेहूं का स्टॉक दर्ज किया गया है,
त्योहारी सीजन शुरू होने से पहले अच्छी खबर है। आने वाले दिनों में गेहूं सहित आटा, सूजी और मैदा की कीमतों में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है।
इस साल गेहूं की पैदावार के सारे रिकॉर्ड टूटे हैं और रिकॉर्ड तोड़ पैदावार से सरकार ने भी गेहूं की रिकॉर्ड तोड़ खरीद की है जिससे सरकारी गोदाम भरे हुए हैं
राशन के जरिए दो रुपए किलो बिकने वाले गेहूं और तीन रुपए किलो बिकने वाले चावल की आर्थिक लागत पिछले पांच साल के दौरान क्रमश: 26 फीसदी और लगभग 25 फीसदी बढ़ी है।
FCI के गोदामों में खराब होने वाले खाद्यान्न का 90 फीसदी से अधिक हिस्सा महाराष्ट्र का है।
FCI ने कहा अनाज रखने के लिये जगह की कोई कमी नहीं है और देश की कुल भंडारण क्षमता 773 लाख टन तक पहुंच चुकी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय खाद्य निगम (FCI) के करीब 35,000 कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है।
FCI ने लघु अवधि के लिए 20,000 करोड़ रुपए का ऋण जुटाने के लिए अनुसूचित बैंकों से निविदा आमंत्रित की है ताकि वह खरीद की लागत को पूरा कर सके।
FCI 20,000 करोड़ रुपए का अल्पकालिक ऋण जुटाएगा। एक माह की अवधि के इस ऋण के लिए निगम ने अनुसूचित बैंकों से निविदा आमंत्रित की हैं।
FCI के गोदामों में रखे अनाज के नुकसान को कम से कम करने और चोरी तथा गड़बड़ी पर लगाम लगाने के लिए सरकार इस सप्ताह एक ऑनलाइन प्रणाली शुरू करेगी।
सरकार ने खरीफ सीजन 2015-16 के लिए 300 लाख टन चावल खरीद (धान) का लक्ष्य रखा है। जिसमें से 69 लाख टन की खरीद पूर्वोत्तर के पांच राज्यों से की जाएगी।
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