नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट अब उड़ान भरने के एकदम करीब है। देश के सबसे आधुनिक और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस एयरपोर्ट पर दूसरा यात्री टर्मिनल ट्रायल भी सफल रहा है। एयरपोर्ट प्रबंधन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर वीडियो साझा कर इस बात की जानकारी दी।
दिल्ली-NCR के लोगों का इंतजार अब लगभग खत्म होने वाला है। उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) जल्द उड़ान भरने के लिए तैयार है। यह दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) के बाद एनसीआर का दूसरा बड़ा एविएशन हब बनने जा रहा है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट 3300 एकड़ में फैला है। यह ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट भारत के सबसे बड़े प्रोजेक्ट्स में से एक है। इस एयरपोर्ट के शुरू होने से दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक का दबाव कम होगा।
उत्तर भारत का बहुप्रतीक्षित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) अब अपने उद्घाटन की अंतिम तैयारी में है। यह न सिर्फ दिल्ली-एनसीआर की हवाई सुविधा को दोगुना करेगा बल्कि पूरे उत्तर भारत के यात्रियों के लिए एक नया हब साबित होगा।
यह परियोजना नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है, जो इस क्षेत्र को देश के हाई-स्पीड रेल मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित करेगी।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का पहला चरण 1334 हेक्टेयर जमीन में फैला होगा और इसे 4 अलग-अलग चरणों में शुरू किया जाएगा।
अगर एयरपोर्ट से 20 किमी के दायरे में आपकी जमीन है और आप वहां घर-मकान बनाने जा रहे हैं तो आपको एएआई से एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) लेना अनिवार्य होगा।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने कहा, ''रैपिडो के साथ हमारी पार्टनरशिप हमें ऐप-बेस्ड मॉबिलिटी ऑप्शन प्रदान करने में सक्षम बनाती है जो सभी के लिए सुविधाजनक और आसान हैं।''
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य नोएडा एक्सटेंशन और जेवर में बन रहे नए एयरपोर्ट तक निर्बाध संपर्क स्थापित करना है।
योगी आदित्यनाथ ने निर्माण कार्य में तेजी लाने और सभी विभागों के अधिकारियों की समीक्षा करने की जिम्मेदारी तय की थी। इस महीने के अंत तक एयरपोर्ट के निर्माण कार्य की समीक्षा करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह आ सकते हैं। ऐसे में एयरपोर्ट के निर्माण कार्य को तेजी से अंतिम रूप दिया जा रहा है।
उड़ान के लिए जरूरी लाइसेंस का आवेदन और रनवे का परीक्षण 15 नवंबर से शुरू हो जाएगी। इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक परीक्षण के लिए विभिन्न एयरलाइंस के खाली विमान पूरे महीने रनवे पर उतारे जाएंगे।
एयरपोर्ट के मुख्य सिस्टम्स के लिए फैक्ट्री एक्सेप्टेंस टेस्ट पूरे हो गए हैं, और साइट पर उपकरण आने लगे हैं। चेक-इन कियोस्क, सेल्फ सर्विस बैग ड्रॉप्स, और ई-गेट्स का परीक्षण चल रहा है।
अथॉरिटी से मिली जानकारी के मुताबिक, 30 वर्ग मीटर के प्लॉट की कीमत 8 लाख से 10 लाख रुपये तक होने की संभावना है। इसके अलावा 200 से 4,000 वर्ग मीटर के बीच के लगभग 500 बड़े प्लॉट भी बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।
सोमवार को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की ओर से जारी बायान में कहा गया कि रिटेल और ड्यूटी फ्री आउटलेट्स चलाने का ठेका हिनेमैन एशिया प्रशांत और बीडब्यूसी फॉरवॉडर्स प्राइवेट लिमिटेड के कंसोर्टियम को दिया गया है।
गाजियाबाद से जेवर एयरपोर्ट तक रैपिड रेल कनेक्टिविटी के लिए सर्वे शुरू हो गया है। यह 72.2 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर होगा, जिसमें 12 स्टेशन रहेंगे। पहला कॉरिडोर साल 2031 तक बनकर तैयार हो जाएगा।
इस अनुबंध के तहत टाटा प्रोजेक्ट्स हवाई अड्डे पर टर्मिनल, रनवे, एयरसाइड इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़कों, उपयोगिताओं और अन्य सहायक भवनों का निर्माण करेगी।
लेटेस्ट न्यूज़