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झटका! पीक आवर्स के दौरान OLA-UBER बुक करना होगा और महंगा, सरकार ने कैब एग्रीगेटर्स को दी ये छूट

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की गाइडलाइंस में साथ ही यह भी कहा है कि नॉन-पीक आवर्स के लिए किराया बेस फेयर का कम से कम 50 प्रतिशत होना चाहिए।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Jul 02, 2025 02:51 pm IST, Updated : Jul 02, 2025 02:54 pm IST
एग्रीगेटर द्वारा देय लाइसेंस शुल्क 5 लाख रुपये होगा।- India TV Paisa
Photo:FILE एग्रीगेटर द्वारा देय लाइसेंस शुल्क 5 लाख रुपये होगा।

अगर आप भी पीक आवर्स में ओला-उबर सहित अन्य कैब एग्रीगेटर की टैक्सी से आना जाना करते हैं तो आगे ज्यादा पैसे चुकाने के लिए तैयार हो जाइए। दरअसल, सरकार ने कैब एग्रीगेटर्स को पीक आवर्स के दौरान बेस किराए का 2 गुना तक चार्ज करने की परमिशन दे दी है। पहले यह 1.5 गुना था। पीटीआई की खबर के मुताबिक, हालांकि, साथ ही यह भी कहा है कि नॉन-पीक आवर्स के लिए किराया बेस किराए का कम से कम 50 प्रतिशत होना चाहिए। इस बारे में राज्यों को तीन महीने के भीतर संशोधित दिशा-निर्देशों को अपनाने की सलाह दी गई है।

डेड माइलेज की भरपाई कैसे होगी?

खबर के मुताबिक, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अपने 'मोटर वाहन एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2025' में कहा है कि एग्रीगेटर को बेस किराए से कम से कम 50 प्रतिशत कम और सब-क्लॉज (17.1) के तहत निर्दिष्ट बेस किराए का अधिकतम दो गुना चार्ज करने की अनुमति होगी। इसके अलावा, डेड माइलेज की भरपाई के लिए बेस किराया कम से कम तीन किलोमीटर के लिए लिया जाएगा - जिसमें यात्री के बिना यात्रा की गई दूरी और यात्रा की गई दूरी और यात्री(ओं) को लेने के लिए उपयोग किया गया ईंधन शामिल है। 

यात्री और ड्राइवर पर तब लगेगा जुर्माना

गाइडलाइंस के मुताबिक, मोटर वाहनों की संबंधित कैटेगरी या वर्ग के लिए राज्य सरकार द्वारा शिड्यूल किराया, एग्रीगेटर से सेवाएं हासिल करने वाले यात्रियों से लिया जाने वाला बेस किराया होगा। कैंसिलेशन के मामले में, अगर एग्रीगेटर द्वारा वैलिड कारण बताए बिना कैंसिलेशन किया जाता है, तो ड्राइवर पर किराए का 10 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा, जो 100 रुपये से अधिक नहीं होगा। बिना वैध कारण के रद्दीकरण किए जाने पर यात्री पर भी इसी तरह का जुर्माना लगाया जाएगा। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार एग्रीगेटर के रूप में लाइसेंस के लिए आवेदन की एकल-खिड़की मंजूरी के लिए एक पोर्टल विकसित और नामित करेगी।

ड्राइवरों के पास स्वास्थ्य और टर्म बीमा होना जरूरी

मंत्रालय की तरफ से कहा गया है, कि एग्रीगेटर द्वारा देय लाइसेंस शुल्क 5 लाख रुपये होगा और लाइसेंस जारी होने की तारीख से पांच साल की अवधि के लिए वैध होगा। एग्रीगेटरों को यह सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य किया गया है कि ड्राइवरों के पास क्रमशः कम से कम 5 लाख रुपये और 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य और टर्म बीमा हो। गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि एग्रीगेटर द्वारा एक शिकायत अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। एग्रीगेटर ऐसे वाहनों को अपने साथ नहीं जोड़ेगा, जो गाड़ी के शुरुआती रजिस्ट्रेशन की तारीख से आठ वर्ष से अधिक समय से रजिस्टर्ड हैं ।

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