शेयर बाज़ार में सोमवार, 8 दिसंबर से इक्विटी डेरिवेटिव्स यानी F&O सेगमेंट के लिए प्री-ओपन सेशन शुरू किया जा रहा है। यह व्यवस्था स्टॉक फ्यूचर्स और इंडेक्स फ्यूचर्स दोनों पर लागू होगी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई के मुताबिक, यह प्री-ओपन सेशन सुबह 9:00 बजे से 9:15 बजे तक कुल 15 मिनट चलेगा और इसे कॉल ऑक्शन मैकेनिज़्म के जरिए संचालित किया जाएगा।
प्री-ओपन सेशन: 15 मिनट के तीन चरण
- ऑर्डर एंट्री पीरियड (9:00 AM – 9:08 AM)
- इस दौरान ट्रेडर्स अपने ऑर्डर प्लेस, मॉडिफाई या कैंसिल कर सकेंगे।
- सिस्टम 7वें और 8वें मिनट के बीच रैंडम रूप से ऑर्डर एंट्री बंद कर देगा।
- इक्विटी और डेरिवेटिव्स दोनों सेगमेंट में यह रैंडम क्लोज़र अलग-अलग होगा।
2. ऑर्डर मैचिंग और ट्रेड कन्फर्मेशन (9:08 AM – 9:12 AM)
- ऑर्डर एंट्री बंद होने के बाद एक्सचेंज ऑर्डर मैचिंग प्रोसेस शुरू करेगा।
- इस दौरान सिस्टम इक्विलिब्रियम प्राइस निकालेगा, जो बाज़ार का ओपनिंग प्राइस बनता है।
- तय कीमत पर मैच होने वाले ऑर्डर्स को इसी अवधि में एक्सीक्यूट किया जाएगा।
3. बफर पीरियड (9:12 AM – 9:15 AM)
livemint की खबर के मुताबिक, यह अवधि प्री-ओपन सेशन से रेगुलर मार्केट सेशन में सहज संक्रमण के लिए रखी गई है।
कौन-से कॉन्ट्रैक्ट शामिल होंगे? कैसे होगा ट्रेड?
प्री-ओपन सेशन दो चरणों में पूरा होगा-ऑर्डर कलेक्शन और ऑर्डर मैचिंग।
1. ऑर्डर कलेक्शन पीरियड
- ट्रेडर्स अपने ऑर्डर्स डाल, बदल या रद्द कर सकते हैं।
- मार्केट और लिमिट ऑर्डर्स स्वीकार किए जाएंगे।
- लेकिन स्टॉप-लॉस, IOC और अन्य स्पेशल ऑर्डर्स मान्य नहीं होंगे।
- इस दौरान ट्रेडर्स को इंडिकेटिव प्राइस, इक्विलिब्रियम डेटा और डिमांड–सप्लाई स्थिति रियल-टाइम में दिखाई देगी।
2. ऑर्डर मैचिंग पीरियड
इस फेज में एक्सचेंज एक सिंगल इक्विलिब्रियम प्राइस तय करता है। ऑर्डर्स निम्न क्रम में मैच किए जाते हैं:
- लिमिट ऑर्डर ↔ लिमिट ऑर्डर
- बचे हुए लिमिट ऑर्डर ↔ मार्केट ऑर्डर
- मार्केट ऑर्डर ↔ मार्केट ऑर्डर
इस अवधि में किसी भी ऑर्डर को बदला या रद्द नहीं किया जा सकता।
मार्जिन नियम
- एनएसई ने स्पष्ट किया है कि प्री-ओपन सेशन में रखा गया हर ऑर्डर मार्जिन वैलिडेशन से गुजरेगा।
- यदि किसी सदस्य के पास पर्याप्त मार्जिन नहीं है, तो उसका ऑर्डर तुरंत रिजेक्ट कर दिया जाएगा।






































