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Stock Market: 8 दिसंबर से F&O सेगमेंट में प्री-ओपन सेशन शुरू, सुबह इतने समय तक होगा ट्रेडिंग प्रोसेस

एनएसई ने स्पष्ट किया है कि प्री-ओपन सेशन में रखे गए हर ऑर्डर को मार्जिन वैलिडेशन से गुज़रना होगा। अपर्याप्त मार्जिन होने पर ऑर्डर तुरंत रिजेक्ट कर दिया जाएगा।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Dec 08, 2025 08:06 am IST, Updated : Dec 08, 2025 08:07 am IST
एनएसई ने स्पष्ट किया है कि प्री-ओपन सेशन में रखे गए हर ऑर्डर को मार्जिन वैलिडेशन से गुज़रना होगा। अप- India TV Paisa
Photo:ANI एनएसई ने स्पष्ट किया है कि प्री-ओपन सेशन में रखे गए हर ऑर्डर को मार्जिन वैलिडेशन से गुज़रना होगा। अपर्याप्त मार्जिन होने पर ऑर्डर तुरंत रिजेक्ट कर दिया जाएगा।

शेयर बाज़ार में सोमवार, 8 दिसंबर से इक्विटी डेरिवेटिव्स यानी F&O सेगमेंट के लिए प्री-ओपन सेशन शुरू किया जा रहा है। यह व्यवस्था स्टॉक फ्यूचर्स और इंडेक्स फ्यूचर्स दोनों पर लागू होगी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई के मुताबिक, यह प्री-ओपन सेशन सुबह 9:00 बजे से 9:15 बजे तक कुल 15 मिनट चलेगा और इसे कॉल ऑक्शन मैकेनिज़्म के जरिए संचालित किया जाएगा।

प्री-ओपन सेशन: 15 मिनट के तीन चरण

  1. ऑर्डर एंट्री पीरियड (9:00 AM – 9:08 AM)
  • इस दौरान ट्रेडर्स अपने ऑर्डर प्लेस, मॉडिफाई या कैंसिल कर सकेंगे।
  • सिस्टम 7वें और 8वें मिनट के बीच रैंडम रूप से ऑर्डर एंट्री बंद कर देगा।
  • इक्विटी और डेरिवेटिव्स दोनों सेगमेंट में यह रैंडम क्लोज़र अलग-अलग होगा।

2. ऑर्डर मैचिंग और ट्रेड कन्फर्मेशन (9:08 AM – 9:12 AM)

  • ऑर्डर एंट्री बंद होने के बाद एक्सचेंज ऑर्डर मैचिंग प्रोसेस शुरू करेगा।
  • इस दौरान सिस्टम इक्विलिब्रियम प्राइस निकालेगा, जो बाज़ार का ओपनिंग प्राइस बनता है।
  • तय कीमत पर मैच होने वाले ऑर्डर्स को इसी अवधि में एक्सीक्यूट किया जाएगा।

3. बफर पीरियड (9:12 AM – 9:15 AM)

livemint की खबर के मुताबिक, यह अवधि प्री-ओपन सेशन से रेगुलर मार्केट सेशन में सहज संक्रमण के लिए रखी गई है।

कौन-से कॉन्ट्रैक्ट शामिल होंगे? कैसे होगा ट्रेड?

प्री-ओपन सेशन दो चरणों में पूरा होगा-ऑर्डर कलेक्शन और ऑर्डर मैचिंग।

1. ऑर्डर कलेक्शन पीरियड

  • ट्रेडर्स अपने ऑर्डर्स डाल, बदल या रद्द कर सकते हैं।
  • मार्केट और लिमिट ऑर्डर्स स्वीकार किए जाएंगे।
  • लेकिन स्टॉप-लॉस, IOC और अन्य स्पेशल ऑर्डर्स मान्य नहीं होंगे।
  • इस दौरान ट्रेडर्स को इंडिकेटिव प्राइस, इक्विलिब्रियम डेटा और डिमांड–सप्लाई स्थिति रियल-टाइम में दिखाई देगी।

2. ऑर्डर मैचिंग पीरियड

इस फेज में एक्सचेंज एक सिंगल इक्विलिब्रियम प्राइस तय करता है। ऑर्डर्स निम्न क्रम में मैच किए जाते हैं:

  • लिमिट ऑर्डर ↔ लिमिट ऑर्डर
  • बचे हुए लिमिट ऑर्डर ↔ मार्केट ऑर्डर
  • मार्केट ऑर्डर ↔ मार्केट ऑर्डर

इस अवधि में किसी भी ऑर्डर को बदला या रद्द नहीं किया जा सकता।

मार्जिन नियम

  • एनएसई ने स्पष्ट किया है कि प्री-ओपन सेशन में रखा गया हर ऑर्डर मार्जिन वैलिडेशन से गुजरेगा।
  • यदि किसी सदस्य के पास पर्याप्त मार्जिन नहीं है, तो उसका ऑर्डर तुरंत रिजेक्ट कर दिया जाएगा।

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