
Covid-19: Four Indian and one Pakistani company got rights to produce Remedisvir
नई दिल्ली। देश की चार प्रमुख दवा कंपनी सिप्ला, जुबिलेंट लाइफ साइंसेस, हेटेरो और मायलैन ने गिलीड साइंसेस के साथ कोविड-19 की संभावित दवा रेमडेसिविर के उत्पादन के लिए गैर-विशेष लाइसेंसिंग समझौता किया है। इसके तहत इन कंपनियों को दवा के विनिर्माण और वितरण का अधिकार मिलेगा। अमेरिका के दवा नियामक फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने इस दवा को कोविड-19 के मरीजों के इलाज में आपातकालीन उपयोग की स्वीकृति दी है। गिलीड ने एक बयान में कहा कि गिलीड ने भारत और पाकिस्तान की पांच जेनेरिक दवा कंपनियों के साथ गैर-विशेष स्वैच्छिक लाइसेंसिंग समझौता किया है। इसका मकसद रेमडेसिविर की आपूर्ति बढ़ाना है।
कंपनी ने कहा कि यह समझौता सिप्ला लिमिटेड, जुबिलेंट लाइफ साइंसेस, हेटेरो और मायलैन (सभी भारतीय) और फिरोजसंस लेबोरेटरीज (पाकिस्तान) के साथ किया गया है। ये कंपनियां रेमडेसिविर का विनिर्माण और 127 देशों में वितरण करेंगी। इन देशों में अधिकतर निम्न या निम्न मध्यम आय वाले देश हैं। गिलीड ने कहा कि लाइसेंसिंग समझौते के तहत इन कंपनियों को रेमडेसिविर के लिए गिलीड की विनिर्माण प्रक्रियाओं की प्रौद्योगिकी हस्तांतरित की जाएगी और उनके पास इसे बदलने का भी हक होगा ताकि इसके उत्पादन को बढ़ाया जा सके।
दवा का उत्पादन करने वाली कंपनियां अपने जेनेरिक उत्पाद की कीमत खुद तय कर सकेंगी। गिलीड ने कहा कि इस लाइसेंस के तहत दवा के उत्पादन पर कंपनियों को तब तक रॉयल्टी नहीं देनी होगी जब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन कोविड-19 महामारी के लिए घोषित अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा समाप्त नहीं कर देगा या जब तक कोरोना वायरस के इलाज के लिए किसी नयी दवा या टीके को मंजूरी नहीं मिल जाती। इनमें से जो भी पहले होगा यह छूट तभी तक रहेगी।
इस बारे में सिप्ला ने एक बयान में कहा कि दुनिया भर में इस महामारी से पीड़ित मरीजों को जीवन-रक्षक इलाज उपलब्ध कराने के सिप्ला के प्रयासों के तहत यह समझौता किया गया है। कंपनी के प्रबंध निदेशक और वैश्विक परिचालन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उमंग वोहरा ने कहा कि दुनिया के सामने कोरोना वायरस का संकट है। ऐसे में इसे मिलकर लड़ने के लिए हमारा साथ आना अपरिहार्य है। वहीं जुबिलेंट लाइफ साइंसेस के सह-चेयरमैन और प्रबंध निदेशक हरि एस. भरतिया ने कहा कि हम इसके चिकित्सकीय परीक्षण और नियामकीय अनुमति पर करीब से नजर रखे हैं। हम दवा को जल्द ही बाजार में पेश करेंगे। हेटेरो समूह के चेयरमैन बी. पार्थसारथि रेड्डी ने कहा कि कंपनी ने भारत में इसका विनिर्माण किया है। वह इस बारे में पहले से भारत सरकार, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और भारतीय दवा महानियंत्रक के साथ मिलकर काम कर रही है।