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ट्रंप ने COVID-19 राहत पैकेज बिल को लौटाया, रखी अमेरिकी नागरिकों को 2000 डॉलर देने की शर्त

ट्रंप ने अपने इस वीडियो संदेश में कहा है कि 900 अरब डॉलर का राहत पैकेज एक फजूल का खर्च है और इसमें कठोर मेहनत कर टैक्स देने वाले अमेरिकन नागरिकों को राहत के रूप में केवल 600 डॉलर दिए जा रहे हैं।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: December 23, 2020 10:03 IST
Donald Trump refuses to sign COVID-19 relief bill, seeks USD 2,000 stimulus payment- India TV Paisa
Photo:AP

Donald Trump refuses to sign COVID-19 relief bill, seeks USD 2,000 stimulus payment

वाशिंगटन। अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने COVID-19 राहत पैकेज बिल पर हस्‍ताक्षर करने से इनकार कर दिया है। उन्‍होंने कहा है कि इस बिल में अमेरिकी नागरिकों को 600 डॉलर देने का प्रावधान पर्याप्‍त नहीं है और उन्‍होंने कांग्रेस से इस राहत राशि को बढ़ाकर 2000 डॉलर करने को कहा है। ट्रंप ने मंगलवार रात ट्वीटर पर एक वीडियो पोस्‍ट किया है, जिसमें उन्‍होंने कहा है कि बिल में विदेशी देशों को बहुत अधिक धन देने का प्रावधान किया गया है लेकिन अमेरिकंस के लिए दी जाने वाली राशि बहुत कम है।

ट्रंप ने अपने इस वीडियो संदेश में कहा है कि 900 अरब डॉलर का राहत पैकेज एक फजूल का खर्च है और इसमें कठोर मेहनत कर टैक्‍स देने वाले अमेरिकन नागरिकों को राहत के रूप में केवल 600 डॉलर दिए जा रहे हैं। इस बिल में छोटे उद्योगों को पर्याप्‍त राहत देने का कोई प्रावधान नहीं है, खासकर उन रेस्‍टॉरेंट्स मालिकों के लिए जो बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। ट्रंप ने कांग्रेस से मांग की है कि वह इस बिल में संशोधन करें और राहत राशि को 600 डॉलर से बढ़ाकर 2000 डॉलर या 4000 डॉलर प्रति जोड़ा करें।

महीनों चली बातचीत के बाद मिली थी राहत बिल को मंजूरी

अमेरिकी कांग्रेस ने महीनों चली लंबी बातचीत के बाद सोमवार को ही 900 अरब डॉलर के कोविड राहत बिल को मंजूरी दी थी। इससे कारोबारियों और आम लोगों की नकदी संबंधी जरूरत पूरी होने और सभी तक वैक्सीन पहुंचाने में मदद मिलने की संभावना जताई गई थी। इस राहत बिल को सोमवार की दोपहर में सदन में रखा गया, जहां सीनेट ने पैकेज को 92-6 के भारी बहुमत से मंजूरी दी, जबकि दूसरे सदन में इसके पक्ष में 359 वोट और विपक्ष में 53 वोट पड़े।

कोरोना वायरस महामारी के कारण प्रभावित हुए लोगों की मदद करने और अर्थव्यवस्था में गति देने के इरादे से नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन इस समझौते को लागू करने के पक्ष में थे और उन्होंने अपनी पार्टी से इस संबंध में डेमोक्रेट के साथ सहमति बनाने की अपील की थी। इस राशि का इस्तेमाल कोरोना वायरस महामारी के दौरान बुरी तरह प्रभावित हुए कारोबारियों एवं जरूरतमंद लोगों की मदद करने और टीका मुहैया कराने के अभियान में किया जाएगा।

इस पैकेज के तहत बेरोजगारों को हर हफ्ते 300 डॉलर और जरूरतमंद लोगों को 600 डॉलर की सहायता प्रदान की जाएगी। नए प्रावधानों के तहत सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले थियेटर जैसे कारोबारों, स्कूलों और स्वास्थ्य सेवाओं की भी मदद की जाएगी। इस विधेयक में 5,593 पन्ने हैं और इसे अमेरिका के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा विधेयक कहा जा रहा है।

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