नई दिल्ली। सरकार 2019 के आम चुनाव से पहले किसानों को लुभाने के लिए खरीफ फसल में लिये धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 200 रुपए बढ़ाकर 1,750 रुपए प्रति क्विंटल कर सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि 13 अन्य खरीफ फसलों के एमएसपी में भी अच्छी वृद्धि किए जाने का अनुमान है। इस संबंध में इस सप्ताह में निर्णय लिए जाने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि सरकार जो खाद्यान्न एमएसपी पर खरीदती है उसके पैसे सीधे किसानों के खातों में जाते हैं। इस साल किसानों से सरकार ने 538.56 लाख टन धन की खरीद की गई है जो अबतक का रिकॉर्ड है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि मंत्रिमंडल आगामी बैठक में खरीफ फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य उसके उत्पादन खर्च का कम से कम डेढ़ गुना तक बढ़ाने को मंजूरी देगी। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने खरीफ फसलों के एमएसपी की घोषणा में देरी की है क्योंकि वह इस तरह के बड़े राजनीतिक फैसलों का बजट पर पड़ने वाले बोझ को लेकर आकलन कर रही थी।
कृषि मंत्रालय ने खरीफ फसलों के लिए ऊंचे एमएसपी का प्रस्ताव किया है। मंत्रालय ने सरकार की सलाहकार संस्था सीएसीपी (CACP) की सिफारिश के मुकाबले ऊंची दर का प्रस्ताव किया है। बंपर कृषि उत्पादन के बाद ज्यादातर कृषि उपज के दम घटने से किसानों के असंतोष को देखते हुए कृषि मंत्रालय ने यह प्रस्ताव किया।
सरकार ने इस साल बजट में कहा था कि वह फसलों का एमएसपी लागत का कम से कम डेढ़ गुना करेगी। 2014 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का प्रमुख चुनावी वायदा भी था। सामान्यत: एमएसपी की घोषणा फसलों की बुवाई से ठीक पहले की जाती है।