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1 अप्रैल से इनकम टैक्स की नई व्यवस्था हो गई लागू! वित्त मंत्रालय का आ गया ये स्पष्टीकरण, पढ़ें खबर दूर करें कन्फ्यूजन

मंत्रालय ने यह स्पष्टीकरण सोशल मीडिया पर जारी उन सूचनाओं के बाद दिया जिसमें 1 अप्रैल से प्रभावी नई टैक्स व्यवस्था में कुछ बदलावों का दावा किया गया है। नई टैक्स व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प वर्ष 2024-25 के लिए रिटर्न दाखिल करने तक उपलब्ध है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Apr 01, 2024 12:52 IST, Updated : Apr 01, 2024 13:05 IST
 व्यक्तिगत करदाता अपना आईटीआर दाखिल करते समय इस व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकते हैं। - India TV Paisa
Photo:FILE व्यक्तिगत करदाता अपना आईटीआर दाखिल करते समय इस व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकते हैं।

अगर आप भी टैक्सपेयर हैं तो आपके लिए यह खबर अहम है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को स्पष्ट तरीक से कह दिया है कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में लोगों के लिए नई आयकर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है। व्यक्तिगत करदाता अपना आईटीआर दाखिल करते समय इस व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकते हैं। भाषा की खबर के मुताबिक, मंत्रालय ने यह स्पष्टीकरण सोशल मीडिया पर जारी उन सूचनाओं के बाद दिया जिसमें 1 अप्रैल से प्रभावी नई टैक्स व्यवस्था में कुछ बदलावों का दावा किया गया है।

1 अप्रैल 2023 से एक संशोधित नई आयकर व्यवस्था

खबर के मुताबिक, मंत्रालय ने कहा कि 1 अप्रैल 2024 से कोई नया बदलाव नहीं किया गया है। 1 अप्रैल 2023 से शुरू हुए वित्त वर्ष में लोगों के लिए एक संशोधित नई आयकर व्यवस्था लागू की गई थी, जिसके तहत कर दरें काफी कम हैं। हालांकि, उसमें पुरानी व्यवस्था की तरह विभिन्न छूट और कटौती (सैलरी से 50,000 रुपये और फैमिली पेंशन से 15,000 रुपये की स्टैडर्ड डिडक्शन के अलावा) का लाभ मौजूद नहीं है।

करदाता चुन सकते हैं विकल्प

मंत्रालय ने कहा कि नई टैक्स व्यवस्था ‘डिफ़ॉल्ट’ टैक्स व्यवस्था है। हालांकि करदाता उस कर व्यवस्था (पुरानी या नई) को चुन सकते हैं जो उन्हें लगता है कि उनके लिए फायदेमंद है। नई टैक्स व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प वर्ष 2024-25 के लिए रिटर्न दाखिल करने तक उपलब्ध है। मंत्रालय का कहना है कि बिना किसी व्यावसायिक आय वाले पात्र व्यक्तियों के पास हर वित्तीय वर्ष के लिए व्यवस्था चुनने का विकल्प होगा। इसलिए, वह एक वित्तीय वर्ष में नई कर व्यवस्था और दूसरे वर्ष में पुरानी कर व्यवस्था चुन सकते हैं और इसके विपरीत भी चुन सकते हैं। जानकारों का मानना है कि सरकार ने अंतरिम बजट में तो इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है लेकिन उम्मीद यह है कि अगर मोदी सरकार फिर से सत्ता में आती है तो पूर्ण बजट में स्लैब में बदलाव कर सकती है। 

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