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अन्य देशों के व्यापार अवरोध उत्पन्न करने पर भारत भी उठाएगा जवाबी कदम : पीयूष गोयल

‘उत्पाद डंप करने पर घरेलू कंपनियों के हित के लिए भारत उठाएगा कड़ा कदम’

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: August 14, 2020 22:13 IST
Commerce and Industry minister- India TV Paisa
Photo:PTI (FILE)

Commerce and Industry minister

नई दिल्ली।  केंद्रीय उद्योग व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि यदि कोई देश भारतीय सामानों के लिये रुकावट या अवरोध लगाता है तो भारत अपने घरेलू विनिर्माण की रक्षा करने के लिये वैसे ही कदम उठायेगा। उन्होंने फिनलैंड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की 10वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि यदि कोई देश कम गुणवत्ता वाले उत्पादों का निर्यात जारी रखता है या भारत में उत्पादों को डंप करता है या भारत के मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का फायदा उठाकर इसके जरिये अपने उत्पादों को आगे बढ़ाता है, तो ऐसे मामलों में भारत कार्रवाई करेगा। गोयल ने चेतावनी दी, ‘‘कई एफटीए भागीदार देश भारतीय सामानों को मंजूरी नहीं देते हैं, वह भी तब जब कि वे एफटीए व्यवस्था का हिस्सा हैं। वे शुल्क से इतर रोक लगाते हैं अथवा अन्य अवरोधक उपाय करते हैं। अब वे दिन गये जब भारत चुपचाप बैठकर यह सब देखता रहता था और बर्दाश्त करता था।’’ उन्होंने कहा कि भारत को अपने स्वयं के उपायों की योजना बनानी होगी चाहे वह डंपिंग रोधी शुल्क या कुछ अन्य पाबंदियों के माध्यम से हो।

उन्होंने कहा, "हमें भारत के घरेलू विनिर्माण की सुरक्षा के लिये समान और समानुपातिक उपाय करने होंगे।" गोयल ने यह भी कहा कि सरकार भारत में कंपनियों को आमंत्रित करने के लिये 'प्लग एंड प्ले' बुनियादी ढांचा, तेज मंजूरी, अधिक किफायती वित्त और कम रसद लागत प्रदान करने पर विचार कर रही है। ‘प्लग एंड प्ले’ ऐसी व्यवस्था को कहा जाता है, जिसके तहत कंपनियों को पहले से सारी बुनियादी सुविधाएं तैयार मिलती हैं और उन्हें आकर सीधे परिचालन शुरू करना होता है। उन्होंने कहा, "हम वैश्विक व्यापार में शामिल देशों तथा पारदर्शी और नियम आधारित ईमानदार व्यवस्था में विश्वास रखने वाले देशों के पसंदीदा व भरोसेमंद व्यापारिक भागीदार बनना चाहते हैं। मुझे लगता है कि फिनलैंड और भारत भागीदारों के रूप में काम करने के लिये सबसे उपयुक्त हैं।" उन्होंने कहा कि भारत और फिनलैंड के बीच वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार 2.5 अरब डॉलर का है। यह पूरी निहित संभावनाओं का बेहद छोटा हिस्सा है। यदि दोनों देश एक साथ काम करते हैं, तो हम अपने व्यापार में बड़ा उछाल देख सकते हैं। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने निर्यात प्रतिबंधों का इस्तेमाल शायद ही कभी किया हो और निर्यात के लिये कच्चे माल के आयात की स्वतंत्र रूप से अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का आयात प्रतिबंध बहुत सोच-विचार के बाद लगाया जाता है या फिर तब लगाया जाता है जब भारतीय वस्तुओं को अन्य बाजारों में उचित व समान पहुंच नहीं मिलती है।

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