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अर्थव्‍यवस्‍था में तेजी लाने के लिए जापान ने लागू की निगेटिव इंटरेस्‍ट रेट पॉलिसी, चीन की रेवेन्‍यू ग्रोथ घटी

जापान ने निगेटिव इंटरेस्‍ट रेट पॉलिसी लागू करने की योजना का आज खुलासा किया। इसके तहत बैंकों को सेंट्रल बैंक के पास धन रखने के लिए ब्याज देना होगा।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: January 30, 2016 11:46 IST
अर्थव्‍यवस्‍था में तेजी लाने के लिए जापान ने लागू की निगेटिव इंटरेस्‍ट रेट पॉलिसी, चीन की रेवेन्‍यू ग्रोथ घटी- India TV Paisa
अर्थव्‍यवस्‍था में तेजी लाने के लिए जापान ने लागू की निगेटिव इंटरेस्‍ट रेट पॉलिसी, चीन की रेवेन्‍यू ग्रोथ घटी

टोक्‍यो। जापान के सेंट्रल बैंक ने निगेटिव इंटरेस्‍ट रेट पॉलिसी लागू करने की योजना का आज खुलासा कर बाजार को अचंभित कर दिया। इसके तहत बैंकों को सेंट्रल बैंक के पास धन रखने के लिए ब्याज मिलने के बजाये उसे ब्याज देना होगा। जापान के सेंट्रल बैंक ने दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के इरादे से यह कदम उठाया गया है।

बैंक ऑफ जापान (बीओजे) की जमा पर ब्याज वसूलने की नीति अपनाने के फैसले का मकसद बैंकों से कर्ज देने में तेजी लाना है और मुद्रास्फीति को बढ़ावा देना है। इस निर्णय से शेयर सूचकांक निक्की करीब तीन फीसदी मजबूत हो गया। बीओजे के प्रमुख हारूहिको कुरोदा ने सेंट्रल बैंक में बैंकों द्वारा रखी जाने वाली आरक्षित राशि पर 0.1 फीसदी की दर से ब्याज लेने के लिए हाल में वित्तीय बाजार में आई उठा-पटक तथा चीन में नरमी का हवाला दिया और कहा कि ब्याज दर के मामले में बैंक इसमें और वृद्धि कर सकता है। फिलहाल ब्याज दर शून्य के करीब है।

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इस साल बैंक की पहली बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, जापान की अर्थव्यवस्था वैश्विक अर्थव्यवस्था से अलग नहीं है। वित्तीय बाजारों में भारी उठापटक है। विशेषतौर पर चीन जेसी उभरती और उपभोक्ता जिंस का निर्यात करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में अनिश्चितता की स्थिति है। यही वजह है कि हमने उल्टे ब्याज की नीति की शुरुआत की है। सेंट्रल बैंक उसके पास आरक्षित कोष रखने वाले बैंकों से अब ब्याज शुल्क वसूलेगा।

चीन की रेवेन्‍यू ग्रोथ में कमी, 1988 के बाद सबसे कम 

बीजिंग। चीन ने कहा कि 2015 में उसकी रेवेन्‍यू ग्रोथ रेट घटकर 5.8 फीसदी पर आ गई, जो 2014 में 8.6 फीसदी थी। यह 1988 के बाद सबसे धीमी वृद्धि है, जो बताता है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था गंभीर रूप से नरमी के दौर में है। वित्त मंत्रालय के अनुसार 2015 में सालाना आधार पर राजस्व 5.8 फीसदी बढ़कर 15,220 अरब यूआन रहा। 2014 में इसमें 8.6 फीसदी की वृद्धि हुई थी।

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार राजस्व में 2015 में 7.3 फीसदी वृद्धि का लक्ष्य रखा गया था। मंत्रालय के अनुसार वैश्विक स्तर पर जिंसों के दाम में नरमी से आयात शुल्क संग्रह में कमी आई है और औद्योगिक गतिविधियां धीमी रहीं, जिससे राजस्व कम रहा। इसके अलावा कंपनियों के खराब प्रदर्शन तथा संरचनात्मक कर में कटौती का भी इसपर असर पड़ा। चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2015 में 6.9 फीसदी रही, जो 1990 के बाद सबसे कम है।

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