Saturday, April 27, 2024
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झारखंड: बिल्डर ने आवास-फ्लैट देने में देरी की तो खरीदार को हर महीने देना होगा किराया, लागू हुआ नया नियम

झारखंड रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (झारेरा) द्वारा बनाये गये नये नियम में कहा गया है कि प्रोजेक्ट में देर होती है तो इसकी सूचना भी बिल्डर को देनी होगी। छह महीने से अधिक देर होने की स्थिति में उन्हें हर्जाना भरना होगा।

IANS Reported by: IANS
Updated on: November 04, 2021 14:35 IST
झारखंड: बिल्डर ने आवास-फ्लैट देने में देरी की तो खरीदार को हर महीने देना होगा किराया, लागू हुआ नया न- India TV Paisa
Photo:PIXABAY

झारखंड: बिल्डर ने आवास-फ्लैट देने में देरी की तो खरीदार को हर महीने देना होगा किराया, लागू हुआ नया नियम

रांची: झारखंड में बिल्डर्स अगर खरीदारों से किए गए करार के मुताबिक समय पर फ्लैट या आवास नहीं देते हैं, तो उन्हें हर महीने एक निश्चित आवास किराया चुकाना होगा। इसके अलावा प्रोजेक्ट में देर करने पर बिल्डर पर जुर्माने और हर्जाने का नियम पहले से लागू है। झारखंड रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने अब खरीदारों को धोखाधड़ी और प्रोजेक्ट में देरी से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए आवास किराया का नया नियम लागू कर दिया है।

झारखंड रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (झारेरा) द्वारा बनाये गये नये नियम में कहा गया है कि प्रोजेक्ट में देर होती है तो इसकी सूचना भी बिल्डर को देनी होगी। छह महीने से अधिक देर होने की स्थिति में उन्हें हर्जाना भरना होगा। हर्जाने की राशि अथॉरिटी तय करेगी। झारखंड में रेरा के तहत अब तक 757 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हो चुके हैं। कई बिल्डर ने रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया है और धड़ल्ले से प्रोजेक्ट चला रहे हैं। ऐसे बिल्डरों की सूची तैयार कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे दो दर्जन से भी ज्यादा प्रोजेक्ट को रद्द करने की तैयारी चल रही है।

झारेरा की चेयरमैन सीमा सिन्हा ने बताया कि फ्लैट और आवास खरीदारों की ओर से ऐसी शिकायतें बड़ी संख्या में मिल रही हैं, जिनमें बिल्डर तय किया गया वादा पूरा नहीं कर रहे हैं। हमने ऐसे मामलों में संज्ञान लिया है। नये नियम के मुताबिक प्रोजेक्ट में देर करने पर खरीदारों को राहत दिलाने की पहल की गयी है। कई मामलों में हमने बिल्डर से खरीदारों को पैसे भी वापस दिलाए है। जो पैसे देने में दो महीने से ज्यादा देर कर रहे हैं उन्हें पूरा पेमेंट करने तक 9 प्रतिशत इंटरेस्ट भी चुकाने का आदेश दिया गया है।

रेरा के नियमों के अनुसार प्रोजेक्ट में देर होने पर बिल्डरों से प्रोजेक्ट कॉस्ट का 10 परसेंट तक फाइन वसूला जायेगा। झारेरा ने रांची में नगर निगम भवन में मिडिएशन सेंटर भी बनाया है, जहां बिल्डर और खरीदारों के बीच होनेवाले विवादों का निपटारा किया जा रहा है। रेरा की ओर से सभी बिल्डर्स को नोटिस जारी कर कहा गया है कि प्रोजेक्ट की प्रगित के बारे में नियमित रूप से जानकारी दें। अगर तीन महीने के अंतर पर बिल्डर अपने प्रोजेक्ट की जानकारी नहीं देता है तो उसपर जुमार्ना लगाया जायेगा। 

बता दें कि पिछले हफ्ते रियल इस्टेट प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए जरूरी कागजात नहीं जमा करने पर 41 प्रोजेक्ट का निबंधन आवेदन निरस्त कर दिया गया था। दो बार नोटिस देने के बाद भी जब आवेदनकतार्ओं ने दस्तावेज नहीं जमा किए तो झारेरा ने यह कार्रवाई की । इसके तहत धनबाद जिले के 21, रांची के 10, पूर्वी सिंहभूम के पांच, हजारीबाग के चार व रामगढ़ के एक प्रोजेक्ट का आवेदन खारिज किया जा चुका है। झारेरा द्वारा जून से लेकर अब तक 201 प्रोजेक्ट्स का निबंधन आवेदन खारिज किया जा चुका है।

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