
Lakshmi Vilas Bank branches to operate as DBS Bank India from November 27
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) का विलय डीबीएस बैंक के साथ करने को अपनी मंजूरी दे दी है। यह विलय 27 नवंबर, 2020 से प्रभावी होगा। आरबीआई ने भी कहा है कि लक्ष्मी विलास बैंक लिमिटेड की शाखाएं 27 नवंबर, 2020 से डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड के नाम से अपना परिचालन शुरू करेंगी। 26 नवंबर से शेयर बाजारों में लक्ष्मी विलास बैंक के शेयर्स की ट्रेडिंग को सस्पेंड कर दिया गया है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक के स्टॉक्स की ट्रेडिंग 26 नवंबर से बंद हो गई है। LVB का DBS Bank के साथ विलय होने से बैंक पर लागू मोरेटोरियम पीरियड भी 27 नवंबर से समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही लक्ष्मी विलास बैंक के उपभोक्ताओं के खाते डीबीएस इंडिया बैंक में ट्रांसफर हो जाएंगे और ग्राहक अपने खाते में जमा रकम में से मनचाही राशि निकाल सकेंगे।
30 सितंबर, 2020 के मुताबिक लक्ष्मी विलास बैंक की देशभर में 563 शाखाएं हैं और इसके 7 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। बैंक की बी कैटेगरी की 32 शाखाएं भी परिचालन में हैं। लक्ष्मी विलास बैंक के पास 974 एटीएम का नेटवर्क है और इसने कई मर्चेंट्स उद्यमों के यहां पीओएस मशीनें भी लगाई हैं।
30 सितंबर, 2020 के मुताबिक बैंक का सकल ऋण 16,622 करोड़ रुपए है और इसकी शुद्ध ब्याज आय 79.52 करोड़ रुपए थी। बैंक के पास कुल 20, 973 करोड़ रुपए की जमा राशि है। 30 सितंबर, 2020 के मुताबिक बैंक का कुल कारोबार 37,595 करोड़ रुपए का था।
लक्ष्मी विलास बैंक दक्षिण भारत के सबसे पुराने बैंकों में से एक है। 27 नवंबर से 94 साल पुराने इस बैंक का नामोनिशान हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा।
लक्ष्मी विलास बैंक की शुरुआत तमिलनाडु के करूर में कारोबारियों के एक समूह ने की थी। छोटे बिजनेस के लिए लोन देकर यह बैंक तेजी से बढ़ा। लेकिन इसके पहले कि बैंक 100 साल पूरे कर पाता DBS India Bank में इसका विलय साफ हो गया है।
लक्ष्मी विलास बैंक की शुरुआत तमिलनाडु के टेक्सटाइल सिटी करूर के कारोबारियों की फाइनेंशियल जरूरतों को पूरा करने के लिए की गई थी। बैंक के ग्राहक छोटे और मझोले कारबोरी थे जो कारोबार या खेती करते थे। इंडियन कंपनीज एक्ट 1913 के तहत 3 नवंबर 1926 को इस बैंक को शुरू किया गया था। इसे 10 नवंबर 1926 को बिजनेस शुरू करने का सर्टिफिकेट मिला था। यह संयोग है कि 94 साल बाद यह बैंक का अस्तित्व भी नवंबर में ही खत्म हुआ।
लक्ष्मी विलास बैंक को 19 जून 1958 को RBI से बैंकिंग लाइसेंस मिला था और 11 अगस्त 1958 को यह शिड्यूल कमर्शियल बैंक बन गया।