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लक्ष्मी विलास बैंक-डीबीएस बैंक इंडिया का विलय 27 नवंबर से प्रभावी होगा: रिजर्व बैंक

लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस इंडिया में विलय को आज कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी देते हुए कहा कि बैंक से निकासी पर रोक अब हटा ली गई है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : Nov 25, 2020 04:18 pm IST, Updated : Nov 25, 2020 07:28 pm IST
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Photo:FILE PHOTO

लक्ष्मी विलास बैंक के विलय को मंजूरी

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि लक्ष्मी विलास बैंक और डीबीएस बैंक इंडिया का विलय 27 नवंबर से प्रभावी होगा। केंद्रीय बैंक ने इसके साथ ही कहा कि उसी दिन संकट में फंसे लक्ष्मी विलास बैंक से रोक हट जाएगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को एलवीबी के डीबीएस बैंक इंडिया लि. (डीबीआईएल) में विलय को मंजूरी के कुछ घंटों पर रिजर्व बैंक ने यह बयान जारी किया है। रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘यह विलय 27 नवंबर, 2020 से प्रभावी होगा। इसी दिन से लक्ष्मी विलास बैंक की सभी शाखाएं डीबीएस बैंक इंडिया लि.की शाखाओं के रूप में काम करेंगी।’’ केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘एलवीबी के जमाकर्ता शुक्रवार से अपने खातों का परिचालन डीबीएस बैंक इंडिया के ग्राहक के रूप में कर सकेंगे।’’ इसके बाद उसी दिन से लक्ष्मी विलास बैंक पर रोक हट जाएगी। निजी क्षेत्र के बैंक पर रोक के बाद रिजर्व बैंक ने 17 नवंबर को एलवीबी के बोर्ड को भंग कर दिया था। रिजर्व बैंक ने कहा कि डीबीएस बैंक इंडिया लि.सभी आवश्यक तैयारियां कर रहा है जिससे लक्ष्मी विलास बैंक के ग्राहकों को सामान्य तरीके से सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें।

आज ही लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस इंडिया में विलय को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। बैंक के जमाकर्ताओं को राहत देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी देते हुए कहा कि बैंक से निकासी पर लगे प्रतिबंध अब हटा लिए गए हैं। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने साफ कहा कि जिन लोगों की वजह से बैंक की आर्थिक स्थिति बिगड़ी है उन पर कार्रवाई की जाएगी।

आर्थिक स्थिति बिगड़ने पर रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक पर 30 दिन के लिए मोराटोरियम लगा दिया गया था। जिसके बाद बैंक से रकम निकासी की सीमा 25 हजार तय कर दी गई। मोराटोरियम के ऐलान के साथ हैं रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक में विलय की योजना भी पेश की थी। ये मोराटोरियम अब शुक्रवार से हट जाएगा। 

मंजूरी के बाद सिंगापुर का सबसे बड़ा बैंक डीबीएस ग्रुप होल्डिंग्स लक्ष्मी विलास बैंक का विलय करेगा। इस कदम के साथ ये पहली बार होगा जब कोई विदेशी बैंक संकटग्रस्त भारतीय बैंक को संकट से बाहर निकालेगा। समझौते के तहत डीबीएस को 563 ब्रांच और 974 एटीएम मिलेंगे। इससे पहले लक्ष्मी विलास बैंक पर प्रतिबंध लगाते हुए आरबीआई ने जानकारी दी थी कि ‘विलय योजना को मंजूरी मिलने पर इसकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये डीबीएस बैंक इंडिया लि. (डीबीआईएल) में सिंगापुर का डीबीएस बैंक 2,500 करोड़ रुपये (46.3 करोड़ सिंगापुर डॉलर) लगायेगा। इसका वित्त पोषण पूरी तरह से डीबीएस के मौजूदा संसाधनों से किया जाएगा।

रिजर्व बैंक ने कहा था कि बैंक के डूबे हुए कर्ज काफी ऊंचे स्तरों पर हैं और नुकसान बढ़ता जा रहा है जिसे देखते हुए बैंक पर प्रतिबंध लगाए गए। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक की आर्थिक स्थिति में लगातार गिरावट देखने को मिल रही थी। बैंक लगातार 3 साल से नुकसान दर्ज कर रहा है, जिससे इसकी नेट वर्थ गिर चुकी है। किसी योजना के न होने, एनपीए में लगातार बढ़त दर्ज होने से पूरी आशंका है कि बैंक के नुकसान जारी रहेंगे। इसके साथ ही बैंक मुश्किलों से निपटने के लिए जरूरी रकम भी नहीं जुटा सका है। इसके साथ ही बैंक से लगातार रकम की निकासी जारी है, जिससे बैंक की नकदी की स्थिति पर दबाव बन गया है।

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