
Lakshmi Vilas Bank stock tanks over 53 pc in 6 days, Goa govt issues Rs 156-cr demand notice to JSW Steel
नई दिल्ली। संकट में फंसे लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) के शेयरों में गिरावट का सिलसिला मंगलवार को लगातार छठे कारोबारी सत्र में जारी रहा। बैंक को लेकर काफी नकारात्मक खबरें आ रही हैं, जिसके चलते निवेशक इसके शेयरों की बिकवाली कर रहे हैं। छह कारोबारी सत्रों में एलवीबी के शेयर में 53 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। मंगलवार को बीएसई में बैंक का शेयर 9.88 प्रतिशत और टूटकर 7.30 रुपये पर आ गया और इसने निचले सर्किट को छूट लिया।
बैंक का शेयर अपने एक साल के निचले स्तर पर आ चुका है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में भी बैंक का शेयर 9.88 प्रतिशत टूटकर 7.30 रुपये पर आ गया और इसने निचला सर्किट छू लिया। बीएसई में छह कारोबारी सत्रों में बैंक का शेयर 53.35 प्रतिशत नीचे आ चुका है। पिछले सप्ताह मंगलवार को सरकार ने एलवीबी पर कई तरह के अंकुश लगाते हुए निकासी की सीमा तय की थी। साथ ही बैंक के बोर्ड को भी भंग कर दिया गया था। बैंक से निकासी की सीमा प्रति जमाकर्ता 25,000 रुपये तय की गई है।
गोवा सरकार ने जेएसडब्ल्यू स्टील को 156 करोड़ रुपये का मांग-नोटिस भेजा
गोवा सरकार ने जेएसडब्ल्यू स्टील लि. को 156. 34 करोड़ रुपये का मांग नोटिस भेजा है। नोटिस में कंपनी से कोयले के परिवहन के लिए गोवा ग्रामीण सुधार एवं कल्याण उपकर के रूप में एक पखवाड़े में यह राशि चुकाने को कहा गया है। यह मांग नोटिस नौ नवंबर, 2020 को भेजा गया है। इसकी प्रति सोमवार को जारी की गई है।
नोटिस में राज्य के सहायक परिवहन निदेशक ने जेएसडब्ल्यू स्टील को 15 दिन में 156.34 करोड़ रुपये चुकाने को कहा गया है। इस बारे में संपर्क करने पर कंपनी के प्रवक्ता ने टिप्पणी से इनकार किया। नोटिस में कहा गया है कि यदि उपकर अदा नहीं किया जाता है तो कंपनी के प्रतिनिधि को दो साल की सजा या 25,000 रुपये जुर्माना हो सकता है। सरकार ने कहा है कि कंपनी को चार सितंबर, 2020 को उपकर अदा नहीं करने के लिए नोटिस जारी किया गया था।
कंपनी को मोर्मुगाव पोर्ट ट्रस्ट से संयंत्र स्थल पर कोयले के परिवहन को यह उपकर अदा करने को कहा गया है। कंपनी के प्रतिनिधि को 16 सितंबर, 2020 को परिवहन विभाग के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा गया था। नोटिस में कहा गया है कि कंपनी ने 13 अक्टूबर, 2020 को अपने जवाब में कहा था कि कोविड-19 महामारी की वजह से उसके काफी सीमित कर्मचारी काम पर आ रहे हैं।