नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Petroleum Minister Dharmendra Pradhan) ने बुधवार को कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमत (petrol and diesel prices) का निर्धारण एक अंतरराष्ट्रीय मूल्य व्यवस्था के तहत किया जाता है और एक झूठा अभियान चलाकर यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि ईंधन मूल्य सर्वकालिक ऊंचाई पर हैं। राज्य सभा में बोलते हुए प्रधान ने कहा कि पिछले 300 दिनों के दौरान लगभग 60 दिनों तक मूल्यों में वृद्धि की गई है। हमनें 7 दिन तक पेट्रोल और 21 दिन तक डीजल की कीमतों को घटाया है। लगभग 250 दिनों तक हमनें न को कीमतों को बढ़ाया और न ही घटाया है। इसलिए एक झूठा अभियान चलाकर यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि देश में ईंधन का दाम सर्वकालिक ऊंचाई पर है।
राज्य सभा में एक सवाल का उत्तर देते हुए मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी (excise duty) बढ़ाई है और राज्यों ने वैल्यू-एडेड टैक्स (VAT) में वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कीमतें घटाई भी हैं। प्रधान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रूड ऑयल की कीमत एक संकेतक है लेकिन अंतरराष्ट्रीय उत्पाद मूल्य एक बेंचमार्क है।
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प्रधान ने कहा कि हमारे देश में राज्य सरकारें और केंद्र सरकार अपने कर राजस्व के लिए अधिक सजग रहती है क्योंकि हर किसी के पास अपने समाज कल्याण की प्रतिबद्धता है, विकासात्मक योजनाएं हैं जिसके लिए इस जरिये से कुछ संसाधनों की आवश्यकता होती है। पेट्रोलियम प्राइस टैक्स कलेक्शन राज्य और केंद्र सरकार के लिए राजस्व प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण जरिया है।
मंत्री ने सदन को बताया कि पेट्रोलपेट्रोल और डीजल की कीमतों को क्रमश: जून 2010 और अक्टूबर 2014 से नियंत्रण मुक्त बना दिया गया है। तब से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां अंतरराष्ट्रीय उत्पाद मूल्य और अन्य बाजार परिस्थितियों के हिसाब से पेट्रोल-डीजल की कीमत तय करने का उचित निर्णय ले रही हैं। उन्होंने कहा कि तेल कंपनियां केवल दाम बढ़ाती ही नहीं हैं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मूल्य और रुपये-डॉलर एक्सचेंज रेट में बदलाव के आधार पर पेट्रोल-डीजल की कीमत में कटौती भी करती हैं।
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पेट्रोल और डीजल की कीमत को घटाने और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए प्रधान ने कहा कि केंद्र सरकार ने 4 अक्टूबर, 2017 को पेट्रोल और डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 5 अक्टूबर, 2018 को पेट्रोल और डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी में और 1.5 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी और तेल विपणन कंपनियों ने भी पेट्रोल-डीजल की कीमत पर 1 रुपये प्रति लीटर की कमी की थी।
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केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से पेट्रोल-डीजल पर उनके द्वारा लगाए गए वैट में 2.5 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने का आग्रह किया था। इसके बाद 18 राज्य सरकारों और एक केंद्र शासित प्रदेश ने पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाया था।
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