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RBI का दिवाली धमाका: होम, ऑटो और पर्सनल लोन लेना होगा सस्ता, घटेगी आपकी EMI

भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर ब्याज दरों में 0.25 फीसदी (25 आधार अंक) की कटौती की है। त्योहारी सीजन में आम लोगों को आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती करके बड़ी राहत दी है। नीतिगत दर में आरबीआई ने लगातार पांचवीं बार कमी की है।

India TV Business Desk Written by: India TV Business Desk
Updated on: October 04, 2019 12:27 IST
Reserve Bank of India- India TV Paisa

Reserve Bank of India

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर ब्याज दरों में 0.25 फीसदी (25 आधार अंक) की कटौती की है। त्योहारी सीजन में आम लोगों को आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती करके बड़ी राहत दी है। ब्याज दरों में आरबीआई ने लगातार पांचवीं बार कमी की है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने समीक्षा बैठक में रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाकर 5.15 फीसदी करने का फैसला हुआ है, जो कि पहले 5.40 प्रतिशत थी।

आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट भी 0.25 फीसदी घटाकर 4.90 प्रतिशत और मार्जिनल स्‍टैंडिंग फेसिलिटी (एमएसएफ) रेट और बैंक रेट घटाकर 5.40 प्रतिशत कर दिया है। सीआरआर 4 फीसदी पर स्थिर है। 

इस बार की मॉनिटरी पॉलिसी इसलिए अहम है क्योंकि रिजर्व बैंक ने बैंकों को हिदायत दी है कि वो एक अक्टूबर 2019 से अपना ब्याज दर रेपो रेट से जोड़ें। वित्त मंत्री ने भी ऐलान किया है कि कई बैंक रेपो रेट से अपना ब्याज दर जोड़ने को राजी हो गए हैं। ऐसे में उम्मीद है कि रिजर्व बैंक के रेपो रेट घटाने का सीधा फायदा आम आदमी को भी मिलेगा, यानी उसे बैंक से कम ब्याज पर लोन मिलेगा और ईएमआई भी कम होगी। बता दें कि रेपो रेट कम होने से आम लोगों को सस्ते होम, कार और पर्सनल लोन मिल सकेंगे और आपकी ईएमआई घटनी तय हैं। 

एक नजर जानिए आपका क्या फायदा हो सकता है? 

  1. आरबीआई जब रेपो रेट में कटौती करता है तो प्रत्यक्ष तौर पर बाकी बैंकों पर वित्तीय दबाव कम होता है। 
  2. आरबीआई की ओर से हुई रेपो रेट में कटौती के बाद बाकी बैंक अपनी ब्याज दरों में कटौती करते हैं। 
  3. इसकी वजह से आपके होम लोन और कार लोन की ईएमआई में कमी आती है। 
  4. रेपो रेट कम होता है तो महंगाई पर नियंत्रण लगता है।  
  5. ऐसा होने से देश की अर्थव्यवस्था को भी बड़े स्तर पर फायदा मिलता है। 
  6. ऑटो और होम लोन क्षेत्र को फायदा होता है। रेपो रेट कम होने से कर्ज सस्ता होता है और उससे होम लोन में आसानी होती है। 
  7. ऐसी कंपनियां जिन पर काफी कर्ज है उन्हें भी फायदा होता है क्योंकि रेपो रेट कम होने के बाद उन्हें पहले के मुकाबले कम ब्याज चुकाना होता है। 
  8. आरबीआई के इस फैसले से प्राइवेट सेक्टर में इनवेस्टमेंट को बढ़ावा मिलता है। इस समय देश में निवेश को आकर्षित करना सबसे बड़ी चुनौती है। इनफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ता है और सरकार को इस सेक्टर को मदद देने के लिए बढ़ावा मिलता है। 
  9. रेपो रेट कम होता है तो कर्ज सस्ता होता है और इसके बाद कंपनियों को पूंजी जुटाने में और आसानी होती है। 
  10. महंगाई दर आरबीआई के तय दायरे में है, ऐसे में सुस्त अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए रेपो रेट घटाने की उम्मीद पहले से थी। गौरतलब है कि आरबीआई ने अगस्त में भी ब्याज दरें 0.35 फीसदी घटाई थीं। बता दें कि केंद्रीय बैंक खुदरा महंगाई को ध्यान में रखते हुए प्रमुख नीतिगत दरों पर फैसला लेता है। 

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