Saturday, December 14, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. Budget 2024: बजट को लेकर आम आदमी की इच्छा की फेहरिस्त है लंबी, उम्मीदों पर कितनी उतरेंगी खरी?

Budget 2024: बजट को लेकर आम आदमी की इच्छा की फेहरिस्त है लंबी, उम्मीदों पर कितनी उतरेंगी खरी?

सरकार उन निवेशों की सीमा बढ़ाने पर विचार कर सकती है जो शेयर बाजारों से जुड़े हैं, जैसे कि म्यूचुअल फंड, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान और ईटीएफ।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Jan 18, 2024 14:33 IST, Updated : Jan 18, 2024 14:33 IST
आम करदाता के हाथों में बचत बढ़ाने के लिए अभी भी कुछ बदलावों की घोषणा की जा सकती है।- India TV Paisa
Photo:FILE आम करदाता के हाथों में बचत बढ़ाने के लिए अभी भी कुछ बदलावों की घोषणा की जा सकती है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश करेंगी। हालांकि चुनावी साल होने के चलते यह एक अंतरिम बजट होगा। बावजूद आम लोगों की इच्छाओं की फेहरिस्त बड़ी है। यह देखते हुए कि अर्थव्यवस्था ने अन्यथा मुद्रास्फीति के माहौल में अच्छा प्रदर्शन किया है, मौजूदा प्रावधानों में विसंगतियों को दूर करने और आम करदाता के हाथों में बचत बढ़ाने के लिए अभी भी कुछ बदलावों की घोषणा की जा सकती है। इनमें से कुछ संभावनाओं पर हम यहां चर्चा करते हैं।

टैक्स की वर्तमान दरें अपेक्षाकृत मध्यम स्तर पर

बजट 2024 सरकार को इस साल के आखिर में होने वाले संसदीय चुनावों में नई सरकार चुने जाने तक अपने राजस्व और व्यय का प्रबंधन करने में सक्षम बनाएगा। विभिन्न करदाताओं पर टैक्स की वर्तमान दरें अपेक्षाकृत मध्यम स्तर पर हैं। सरकार ने पिछले बजट में व्यक्तियों के लिए एक नई सरलीकृत टैक्स व्यवस्था भी पेश की थी। ऐसा लगता नहीं है कि सरकार टैक्स दरों में कोई बड़ा बदलाव करेगी। खासकर व्यक्तिगत करदाताओं के लिए तो उम्मीद न के बराबर है।

व्यक्तियों पर लागू 25 प्रतिशत की अधिकतम सरचार्ज रेट को कई हितधारकों द्वारा हाई लेवल पर माना जाता है। हालांकि यह दर सिर्फ मैक्सिमम टैक्स दायरे वाले व्यक्तियों पर लागू होती है, सरकार व्यक्तियों पर लागू अधिकतम दर को कम करने के लिए इस दर को कम करने पर विचार कर सकती है।

लाभकारी टैक्स दर में बदलाव

सरकार की तरफ से नई विनिर्माण कंपनियों के लिए 15 प्रतिशत की लाभकारी टैक्स दर को मार्च 2024 की वर्तमान अवधि से आगे बढ़ाने की भी संभावना है। यह मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने की नीति के मुताबिक होगा। नीतिगत मामले के रूप में, सरकार धीरे-धीरे निवेश से जुड़ी कटौतियों को प्रोत्साहित करने से दूर हो गई है। बढ़ते इनकम लेवल और मुद्रास्फीति को देखते हुए इन पर लगाई गई 1,50,000 रुपये की लिमिट पहले से ही कम मानी जा रही है।

शेयर बाजारों से जुड़ी निवेश की सीमा

घरेलू बचत दर पर काबू पाने के लिए, सरकार उन निवेशों की सीमा बढ़ाने पर विचार कर सकती है जो शेयर बाजारों से जुड़े हैं, जैसे कि म्यूचुअल फंड, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान और ईटीएफ। साथ ही मेडिकल कॉस्ट में बढ़ोतरी को देखते हुए व्यक्तियों द्वारा भुगतान किए गए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम की कटौती के लिए उपलब्ध सीमा को बढ़ाने पर भी विचार किया जा सकता है। मौजूदा समय में यह कटौती 25,000 रुपये तक सीमित है, जिसे वरिष्ठ नागरिकों के मामले में बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement