IDBI Disinvestment: सरकार अपने विनिवेश लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने जा रह है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार अगले महीने आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी बेचने के लिए शुरुआती बोलियां आमंत्रित कर सकती है। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस बारे में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ बातचीत अंतिम चरण में है। सरकार ने 2022-23 में विनिवेश से 65,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इनमेंसे 24,544 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं।
अभी भी हैं कई अड़चनें
सरकार के सूत्रों के अनुसार अब भी कुछ मुद्दे लंबित हैं जिन पर आरबीआई और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ चर्चा करने की जरूरत है। हमें सितंबर तक रुचि पत्र (ईओआई) जारी करने की उम्मीद है। हालांकि, अधिकारी ने उन नियामकीय मुद्दों का ब्योरा नहीं दिया, जिनपर सरकार क्रमशः बैंकिंग और शेयर बाजार के नियामकों, आरबीआई और सेबी के साथ चर्चा कर रही है।
इस साल बिक्री पूरी होने की संभावना नहीं
अधिकारी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि ईओआई जारी होने के बाद निवेशकों की ओर से काफी पूछताछ आएगी। ‘‘हालांकि, हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया चालू वित्त वर्ष में पूरा होने की उम्मीद नहीं है।’’ मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने मई, 2021 में आईडीबीआई बैंक में रणनीतिक विनिवेश और परिचालन नियंत्रण के हस्तांतरण के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।
सरकारी की 45.48 प्रतिशत हिस्सेदारी
वर्तमान में, बैंक में सरकार की 45.48 प्रतिशत हिस्सेदारी है। जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पास 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है। अधिकारी ने बताया कि रणनीतिक बिक्री को लेकर अभी कई मुद्दों को हल किया जाना है। इनमें नए खरीदार को की जाने वाली खुली पेशकश, गठजोड़ के गठन का तरीका शामिल है। सरकार शुरुआती बोलियां मांगने से पहले एलआईसी के मिलकरतय करेगी उन्हें आईडीबीआई बैंक में कितनी हिस्सेदारी बेचनी है।