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सरकार ने कच्चे तेल पर घटाया Tax, डीजल और ATF पर भी राहत! क्या आपको होगा फायदा ?

कच्चे तेल को रिफाइंड कर पेट्रोल, डीजल और एटीएफ जैसे ईंधन में बदला जाता है। इसके अलावा सरकार ने डीजल के निर्यात पर कर 6.5 रुपये से घटाकर पांच रुपये प्रति लीटर कर दिया है।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : Jan 17, 2023 19:44 IST, Updated : Jan 17, 2023 19:44 IST
Crude oil- India TV Paisa
Photo:FILE Crude oil

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में गिरावट के मद्देनजर सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल के साथ डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती की है। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर 2,100 रुपये प्रति टन से घटाकर 1,900 रुपये प्रति टन किया गया है। यह आदेश 16 जनवरी को जारी किया गया। हालांकि इसका असर घरेलू कीमतों पर नहीं पड़ेगा। यह फायदा तेल निर्यात करने वाली कंपनियों के लिए है। 

कच्चे तेल को रिफाइंड कर पेट्रोल, डीजल और एटीएफ जैसे ईंधन में बदला जाता है। इसके अलावा सरकार ने डीजल के निर्यात पर कर 6.5 रुपये से घटाकर पांच रुपये प्रति लीटर कर दिया है। एटीएफ के निर्यात पर कर को 4.5 से घटाकर 3.5 रुपये प्रति लीटर किया गया है। नई दरें 17 जनवरी से प्रभावी हैं। 

घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर सबसे पहले अप्रत्याशित लाभ कर जुलाई, 2022 में लगाया गया था। इसपर अप्रत्याशित लाभ कर की दर इस समय दूसरे सबसे निचले स्तर पर है। दिसंबर, 2022 के दूसरे पखवाड़े में घरेलू कच्चे तेल पर कर 1,700 रुपये प्रति टन था। इससे पहले तीन जनवरी की पखवाड़ा समीक्षा में कर दरों में बढ़ोतरी की गई थी। उस समय वैश्विक स्तर पर कच्चा तेल मजबूत हुआ था। उसके बाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम नीचे आए हैं। 

भारत ने पहली बार अप्रत्याशित लाभ कर एक जुलाई को लगाया था। इस तरह भारत उन कुछ देशों में शामिल हो गया था जो ऊर्जा कंपनियों के सामान्य से अधिक मुनाफे पर कर वसूलते हैं। उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर (12 डॉलर प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (26 डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया गया था। इसके अलावा घरेलू कच्चे तेल पर 23,250 रुपये प्रति टन (40 डॉलर प्रति बैरल) का अप्रत्याशित लाभ कर लगाया गया था। पहली समीक्षा में ही पेट्रोल पर निर्यात कर को समाप्त कर दिया गया था। पिछले दो सप्ताह की कच्चे तेल की औसत कीमत के आधार पर कर दरों की प्रत्येक पखवाड़े में समीक्षा की जाती है।

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