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India's GDP: पहली तिमाही में 6.7% की रफ्तार से बढ़ा भारत, सरकार ने जारी किए आंकड़े, जानें पूरी बात

भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है, क्योंकि अप्रैल-जून तिमाही में चीन की जीडीपी वृद्धि 4.7 प्रतिशत रही।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Aug 30, 2024 17:59 IST, Updated : Aug 30, 2024 18:38 IST
पहली तिमाही में ग्रोथ में कमी के पीछे मुख्य वजह कृषि क्षेत्र का खराब प्रदर्शन है। - India TV Paisa
Photo:FILE पहली तिमाही में ग्रोथ में कमी के पीछे मुख्य वजह कृषि क्षेत्र का खराब प्रदर्शन है।

भारत का सकल घरेलू उत्पाद इस वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 6.7 प्रतिशत के निचले स्तर पर आ गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 8.2 प्रतिशत था। शुक्रवार को सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों में यह बात सामने आई है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, ग्रोथ में कमी के पीछे मुख्य वजह कृषि क्षेत्र का खराब प्रदर्शन है। भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है, क्योंकि अप्रैल-जून तिमाही में चीन की जीडीपी वृद्धि 4.7 प्रतिशत रही।

कृषि क्षेत्र में 2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई

खबर के मुताबिक, शुक्रवार को जारी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के डेटा के अनुसार, कृषि क्षेत्र में 2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में 3.7 प्रतिशत थी। हालांकि, विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7 प्रतिशत हो गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 5 प्रतिशत थी। पिछला जीडीपी निम्न स्तर जनवरी-मार्च 2023 में 6.2 प्रतिशत था। जानकार भी मानकर चल रहे थे कि आम चुनाव, कम सरकारी व्यय और धीमी शहरी विकास दर के बीच, देश की अर्थव्यवस्था धीमी गति से बढ़ेगी।

सेकेंडरी सेक्टर्स में अच्छी ग्रोथ

कृषि क्षेत्र के अलावा, विनिर्माण और बिजली उद्योगों से युक्त सेकेंडरी सेक्टर्स ने सालाना आधार पर 8.4 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में भारत के सेकेंडरी सेक्टर्स की वृद्धि दर 5.9 प्रतिशत रही थी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में सालाना आधार पर 7.0 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वित्त वर्ष 24 में विनिर्माण उद्योग ने 5.0 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी। आंकड़ों के मुताबिक, व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाओं की वृद्धि दर वार्षिक आधार पर 5.7 प्रतिशत रही, जो वित्त वर्ष 2024 में 9.7 प्रतिशत थी।

पहली तिमाही में वास्तविक जीवीए

2024-25 की पहली तिमाही में वास्तविक जीवीए (सकल मूल्य वर्धित) 38.12 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 40.73 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो 2023-24 की पहली तिमाही में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है, जबकि एक साल पहले यह 8.3 प्रतिशत था। 2024-25 की पहली तिमाही में नाममात्र जीवीए 63.96 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 70.25 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो एक साल पहले 8.2 प्रतिशत की तुलना में 9.8 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है।

आरबीआई ने लगाया था ये अनुमान

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अगस्त में पिछली मौद्रिक नीति समिति की बैठक के दौरान अनुमान लगाया था कि देश की विकास दर यानी जीडीपी वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 7.1 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। इसके अलावा, हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में मूडीज ने वित्तीय वर्ष 2024 और 2025 में भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर पॉजिटिव रुख अपनाया है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने अनुमान लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2024 में भारत की जीडीपी 7.2 प्रतिशत और वित्त वर्ष 25 में 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।

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