Saturday, December 06, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. भारतीय स्टार्टअप फंडिंग में कमी के चलते पिछड़ रहे, 1,65,000 रजिस्टर्ड Startup में से सिर्फ 22,000 को मिला फंड

भारतीय स्टार्टअप फंडिंग में कमी के चलते पिछड़ रहे, 1,65,000 रजिस्टर्ड Startup में से सिर्फ 22,000 को मिला फंड

चीन ने 2014 से 2024 के बीच स्टार्टअप और उद्यमों में 835 अरब डॉलर का निवेश किया, अमेरिका ने 2.32 लाख करोड़ डॉलर का निवेश किया।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jun 08, 2025 02:32 pm IST, Updated : Jun 08, 2025 02:32 pm IST
Startup - India TV Paisa
Photo:FILE स्टार्टअप

दिग्गज उद्योगपति और एरिन कैपिटल के चेयरमैन मोहनदास पई का कहना है कि भारतीय स्टार्टअप फंडिंग में कमी के चलते पिछड़ रहे हैं। उन्होंने इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए नीतिगत सुधारों और R&D में निवेश का आह्वान किया। पई ने आगाह किया कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप केंद्र है इसके बावजूद अगर इन चुनौतियों का समाधान नहीं किया गया तो देश वैश्विक नवाचार में पिछड़ सकता है। पई ने कहा कि हमारे पास 1,65,000 पंजीकृत स्टार्टअप हैं, 22,000 को वित्त पोषण मिला है। उन्होंने 600 अरब डॉलर का मूल्य बनाया है। हमें 121 यूनिकॉर्न और शायद 250-300 सूनिकॉर्न मिले।

सबसे बड़ी समस्या पर्याप्त पूंजी की कमी 

उन्होंने कहा कि स्टार्टअप के लिए सबसे बड़ी समस्या पर्याप्त पूंजी की कमी है। उदाहरण के लिए, चीन ने 2014 से 2024 के बीच स्टार्टअप और उद्यमों में 835 अरब डॉलर का निवेश किया, अमेरिका ने 2.32 लाख करोड़ डॉलर का निवेश किया। हमने सिर्फ 160 अरब डॉलर का निवेश किया, जिसमें से संभवतः 80 प्रतिशत विदेशों से आया। इसलिए स्थानीय पूंजी नहीं आ रही है। पई ने बताया कि अमेरिका के विपरीत, जहां बीमा कंपनियां और विश्वविद्यालय निधियां स्टार्टअप कोष के प्रमुख स्रोत हैं, भारतीय कोषों को सरकारी नीति द्वारा स्टार्टअप में निवेश करने से प्रतिबंधित किया गया है, और अधूरे नियामकीय सुधारों के कारण बीमा कंपनियां बड़े पैमाने पर अनुपस्थित रहती हैं। उन्होंने बीमा कंपनियों को ‘फंड-ऑफ-फंड’ में भाग लेने की अनुमति देने के लिए विनियामकीय बदलाव लाने की वकालत की और उनके निवेश ढांचे में अधिक लचीलेपन का आह्वान किया। 

‘फंड-ऑफ-फंड’ कार्यक्रम को बढ़ाने का सुझाव 

पई ने सरकार के ‘फंड-ऑफ-फंड’ कार्यक्रम को 10,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने आगे कहा कि 40-45 लाख करोड़ रुपये के कोष वाले भारत के पेंशन कोष रूढ़िवादी दृष्टिकोण और प्रतिबंधात्मक नियमों के कारण स्टार्टअप में निवेश करने में असमर्थ हैं। पई ने भारतीय विश्वविद्यालयों में अनुसंधान एवं विकास कोष में पर्याप्त वृद्धि के महत्व पर जोर दिया और डीआरडीओ जैसे संगठनों को अपनी प्रौद्योगिकियों को निजी क्षेत्र के लिए सुलभ बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। 

Latest Business News

Google पर इंडिया टीवी को अपना पसंदीदा न्यूज सोर्स बनाने के लिए यहां
क्लिक करें

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement