Highlights
- भारत में पेट्राल के दाम 400 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच सकते हैं
- कच्चे तेल कीमत 380 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है
- रूस क्रूड ऑयल का उत्पादन पांच मिलियन बैरल तक कम करक सकता है
अगर आप 100 रुपये के पार पहुंच पेट्रोल को लेकर परेशान हैं तो ठहर जाइए। महंगाई का असली हंटर तो आपको इंतजार कर रहा है। कच्चे तेल को लेकर आई एक रिपोर्ट की मानें तो भारत में पेट्राल के दाम 400 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच सकते हैं। जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार यदि मौजूदी स्थितियां नहीं थमी तो कच्चे तेल कीमत 380 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है।ऐसा हुआ तो भारत में भी तेल के दाम करीब 300 रुपये उछल सकते हैं।
380 डॉलर बैरल पहुंचेगा क्रूड ऑयल
जेपी मॉर्गन चेस के विश्लेषकों के मुताबिक अगर अमेरिका और यूरोपीय देश रूस पर और शिकंजा कसते हैं, तो रूस क्रूड ऑयल का उत्पादन पांच मिलियन बैरल तक कम करक सकता है। इस वजह से दुनिया भर में क्रूड का तूफान आ सकता है। और कीमतें 380 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंच जाएंगी। बता दें कि यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं।
रूस बनेगा संकट का कारण
जेपी मॉर्गन के जानकारों के अनुसार अमेरिकी दबाव के कारण अगर रूस कच्चे तेल के उत्पादन में प्रति दिन तीन मिलियन बैरल की कटौती करता है, तो ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतें 190 डॉलर तक पहुंच जाएंगी। जो कि अभी 111 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हैं। वहीं, यदि रूस उत्पाद पांच मिलियन करता है, तो तो क्रूड ऑयल का रेट 380 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाएगा।
भारत पर पड़ेगा बुरा असर
भारत सबसे अधिक क्रूड ऑयल आयात करने वाले देशों में से एक है। अगर भारत में क्रूड ऑयल की बढ़ी हुई कीमतों का असर पड़ा, तो पेट्रोल के दाम 400 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच जाएंगे। फिलहाल भारत में पेट्रोल के औसत दाम 100 रुपये प्रति लीटर के आसपास हैं। ऐसे में कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी होनी तय है।
एक्सपर्ट ने रिपोर्ट को बताया बकवास
जेपी मॉर्गन की क्रूड ऑयल की कीमतें 380 डॉलर प्रति बैरल पहुंचने की रिपोर्ट को कई एक्सपर्ट ने निराधार बताया है। उनका कहना है कि फिलहाल ऐसी कोई स्थिति नजर नहीं आ रही है।
भारत कर रहा रूस से इंपोर्ट
अप्रैल के बाद से भारत ने रूस से 50 गुना ज्यादा कच्चा तेल खरीदा है। भारत के टोटल क्रूड ऑयल इम्पोर्ट में रूस की हिस्सेदारी बढ़कर 10 फीसदी पर पहुंच गई है। यूक्रेन के साथ लड़ाई शुरू होने से पहले रूस से भारत महज 0.2 फीसदी तेल खरीद रहा था।अप्रैल महीने में यह बढ़कर 10 फीसदी पर पहुंच गया।