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OECD ने चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर को 6.9 प्रतिशत पर कायम रखा, S&P को उम्मीद 7.3 प्रतिशत रहेगी

OECD ने चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर को 6.9 प्रतिशत पर कायम रखा, S&P को उम्मीद 7.3 प्रतिशत रहेगी OECD maintains India's growth rate at 6.9 percent in current fiscal, S&P expects 7.3 percent

Edited By: India TV Paisa Desk
Published : Sep 26, 2022 20:13 IST, Updated : Sep 26, 2022 20:13 IST
S&P- India TV Paisa
Photo:FILE S&P

Highlights

  • एसएंडपी ने कहा कि मुद्रास्फीति 2022 के अंत तक छह प्रतिशत के ऊपर रह सकती है
  • भारतीय रिजर्व बैंक के 7.2 प्रतिशत के पूर्वानुमान से कम है
  • यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पैदा हुई स्थिति में वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार मंद हुई ह

OECD-S&P: वैश्विक संगठन आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने सोमवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि पूर्वानुमान को 6.9 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। उसने कहा कि कमजोर वैश्विक परिदृश्य के बावजूद भारत की वृद्धि दर मजबूत रहेगी। ओईसीडी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने की संभावना है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रह सकती है। साथ ही रेटिंग एजेंसी ने कहा कि मुद्रास्फीति 2022 के अंत तक छह प्रतिशत के ऊपर रह सकती है।

भारत की तीव्र वृद्धि को दर्शाता

ओईसीडी ने अपने अंतरिम आकलन में कहा, "वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की वृद्धि दर सात प्रतिशत के करीब रहने के पीछे नरम बाह्य मांग भी एक कारण है। लेकिन इसके बावजूद यह कमजोर वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की तीव्र वृद्धि को दर्शाता है।" इस आर्थिक संगठन ने इसके पहले जून में जारी अपने आर्थिक परिदृश्य में भी भारत की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने की संभावना जताई थी। हालांकि यह अनुमान चालू वित्त वर्ष के लिए जताए गए भारतीय रिजर्व बैंक के 7.2 प्रतिशत के पूर्वानुमान से कम है। पिछले वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत रही थी। इसके साथ ही ओईसीडी ने भारत की मुद्रास्फीति 6.7 प्रतिशत रहने का भी पूर्वानुमान जताया है। ओईसीडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पैदा हुई स्थिति में वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार मंद हुई है। इसकी वजह से दुनिया भर में मुद्रास्फीति को लेकर भारी दबाव देखा जा रहा है। संगठन ने कैलेंडर वर्ष 2022 में वैश्विक अर्थव्यवस्था के तीन प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है जबकि अगले साल इसके सिर्फ 2.2 प्रतिशत रहने की भी आशंका जताई है। इस रिपोर्ट में चीन की वृद्धि दर के इस साल सिर्फ 3. प्रतिशत रहने का भी अनुमान जताया गया है। चीन के लिए यह कोविड काल को छोड़कर 1970 के दशक के बाद की सबसे कम वृद्धि दर होगी।

एडीबी ने अपने पूर्वानुमान को घटाकर सात प्रतिशत कर दिया

एसएंडपी ने एशिया प्रशांत के लिए अपने आर्थिक पूर्वानुमानों में कहा कि अगले साल भारत की वृद्धि को घरेलू मांग में सुधार का समर्थन मिलेगा। बयान में कहा गया, ''हमने भारत के वृद्धि पूर्वानुमान को वित्त वर्ष 2022-2023 के लिए 7.3 प्रतिशत और अगले वित्तीय वर्ष के लिए 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखा है, हालांकि इसमें कमी का जोखिम बना हुआ है।''उच्च मुद्रास्फीति और बढ़ती नीतिगत ब्याज दरों के बीच अन्य एजेंसियों ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद के वृद्धि अनुमान में कटौती की है। इस महीने की शुरुआत में, फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि अनुमान को घटाकर सात प्रतिशत कर दिया था, जो इससे पहले 7.8 प्रतिशत था। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने भी अपने अनुमान को सात प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया था। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने अपने पूर्वानुमान को 7.5 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।

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