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PM Modi govt 8 years: भारत की सर्जिकल और एयर स्ट्राइक से खौफज़दा पाकिस्तान, हमने सिखाया 'ये नया हिंदुस्तान घर में घुसकर मारता है'

लेकिन 2014 के बाद दो बड़े मौके आए जब भारत के वीर सैनिकों ने पाकिस्तान को यह अहसास कराया कि ये नया हिंदुस्तान है, ये घर में घुसकर मारता है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : May 25, 2022 22:06 IST
Air Strike- India TV Paisa
Photo:FILE

Air Strike

Highlights

  • भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सीमा के भीतर घुसकर आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया
  • 28 सितंबर की आधी रात 12 बज MI 17 हेलिकॉप्टरों के जरिए 150 कमांडो को LOC के पास उतारा
  • भारत की ने सर्जिकल स्ट्राइक की और बेबस पाकिस्तान सिर्फ बिलबिला कर रह गया

PM Modi govt 8 years: यूं तो पाकिस्तान भारत से 1948, 1965, 1971 और 1999 में आखिरी बार कारगिल में मात खा चुका है। लेकिन हमारा ढीठ पड़ौसी बीते 4 दशकों से आतंकवाद के सहारे भारत को लगातार जख्म दे रहा है। पाकिस्तानी आतंकी संसद पर 13 दिसंबर को हुए अंतकी हमले से लेकर से लेकर 26/11 के मुंबई हमले जैसे बड़े हमलों के अलावा हजारों आतंकी कार्रवाई को अंजाम दे चुका है। यूपीए 1 और यूपीए 2 के दौरान 2004 से 2014 तक देश में आतंकी हमलों की बाढ़ आ चुकी थी। भारत चुप था, पाकिस्तान बेशर्म और आतंकी आग उगल रहे थे।

लेकिन 2014 के बाद दो बड़े मौके आए जब भारत के वीर सैनिकों ने पाकिस्तान को यह अहसास कराया कि ये नया हिंदुस्तान है, ये घर में घुसकर मारता है। 2016 और 2019 में भारत की 2 सर्जिकल स्ट्राइक का खौफ आज भी पाकिस्तान की सेना और वहां के हुक्मरानों की आंखों में साफ दिखाई देता है। भारतीय सेना ने बिना युद्ध का उद्घोष किए पाकिस्तानी सीमा के भीतर घुसकर आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। यह भारतीय सेना का अदम्य साहस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निडर नेतृत्व और बेमिसाल कूटनीति ही थी, कि दो बार अपनी कब्जाई जमीन पर भारत की ने सर्जिकल स्ट्राइक की और बेबस पाकिस्तान सिर्फ बिलबिला कर रह गया।

उरी हमले से टूटा भारत के सब्र का बांध 

पाकिस्तान समर्थित आतंकी वैसे तो 1980 के दशक से ही भारतीय जमीं को आतंकवादी हरकतों से लहूलुहान कर रहे हैं। लेकिन 2008 से लेकर 2013 तक दिल्ली, मुंबई, बनारस, अहमदाबाद जैसे कई हमलों से आतंकियों ने भारत के नासूर को कुरदने की हिमाकत की। लेकिन 18 सितंबर 2016 को उत्तरी कश्मीर के उरी में सेना के बटालियन हेडक्वार्टर पर हमला करते वक्त शायद यह भूल गए कि अब भारत बदल चुका है। उरी हमले में आतंकियों के हमले में सेना के 17 जवान शहीद हो गए वहीं 19 गंभीर रूप से घायल हुए। आ​तंकियों की इस हरकत से पूरी सेना में आक्रोश था, और भारतीय जनता के सब्र का बांध मानो टूट ही गया था। 

सर्जिकल स्ट्राइक पर फैसला  

उरी हमले के बाद भारत के शीर्ष नेतृत्व ने सोच लिया था कि अब पाकिस्तान में बैठे आतंकियों को सबक सिखाने का वक्त आ गया है। पीएम मोदी ने कहा था कि हमलावर बेखौफ नहीं जाएंगे और उन्हें माफ नहीं किया जाएगा। उरी हमले के 4 दिन बाद 22 सितंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर और सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एवं तीनों सेनाओं की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक, मिसाइल हमले या हवाई हमले पर विचार विमर्श हुआ। अंत में 28 और 29 सितंबर की रात सर्जिकल स्ट्राइक पर फैसला हुआ। 

सर्जिकल स्ट्राइक से उड़े पाकिस्तान के होश

पाकिस्तान ने अपनी जमीं पर आतंकी कैंपों की मौजूदगी को कभी नहीं स्वीकारा। लेकिन 28 सितंबर की रात भारत ने न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया को दिखा दिया कि भारत आतंकी कैंपों का खात्मा कर सकता है। 28 सितंबर की आधी रात 12 बज MI 17 हेलिकॉप्टरों के जरिए 150 कमांडो को एलओसी के पास उतारा गया। इन कमांडो ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक की और उन्हें तबाह कर दिया। इस हमले में करीब 45 आतंकी इस कार्रवाई में मारे गए थे। सेना के विशेष बलों के 150 कमांडोज की मदद से सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन किया गया। भारतीय सेना आधी रात पीओके में 3 किलोमीटर अंदर घुसे और आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया।

14 फरवरी को आतंकियों ने की बड़ी गलती

14 फरवरी 2019 के दिन कश्मीर की एक आम दोपहर थी। सीआरपीएफ का एक काफिला जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजर रहा था। तभी पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने 350 किलो विस्फोटक से भरी SUV काफिले में शामिल बस से भिड़ा दी। इस हमले में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे। वहीं तीन दर्जन से ज्यादा सिपाही घायल हो गए थे। यह चुनावी साल था, देश में इस हमले को लेकर जबर्दस्त गुस्सा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के बाद कहा कि 'आतंकी बहुत बड़ी गलती कर चुके हैं।' 26 फरवरी की रात पाकिस्तान का यह डर सही साबित हुआ। 

5 फाइटर जेट ने PAK में मचाई थी तबाही 

14 फरवरी के बाद से भारतीयों को ही नहीं पाकिस्तान को भी पूरा विश्वास था कि भारत छोड़ेगा नहीं, घर में घुस कर हमले करेगा। बस हमले का वक्त, तारीख और स्थान भारत को तय करना था। मंगलवार, 26 फरवरी 2019 को रात के करीब 3.00 बजे थे। ग्वालियर एयरबेस से IAF के 12 मिराज 2000 फाइटर जेट लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पार कर पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हुए और बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। सरकारी दावे के मुताबिक मिराज 2000 ने आतंकी ठिकानों पर करीब 1000 किलो के बम गिराए जिसमें तकरीबन 300 आतंकी मारे गए। पाकिस्तान को भारत की इस कार्रवाई की भनक तक न लगी। 

अभिनंदन: जिससे पूरा पाकिस्तान खौफ खाता है

अमेरिकी एफ16 विमान को मिग 21 बायसन द्वारा मार गिराना ठीक वैसे ही है जैसे कबूतर का बाज का शिकार करना। लेकिन जब मिग21 में अभिनंदन जैसा बेखौफ जाबांज सवार हो तो कुछ भी संभव है। 26 फरवरी का एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान इतना तिलमिलाया हुआ था कि उसने भारतीय सीमा में हमले करने के लिए दुनिया के अत्याधुनिक एफ16 विमान भेज दिए। अभिनंदन ने पाकिस्तानी फाइटर जेट को खदेड़ा। इस दौरान वो पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में चले गए। उनके एयरक्राफ्ट पर पाकिस्तानी एफ-16 ने मिसाइल दाग दी। लेकिन अभिनंदन ने चपलता दिखाते हुए हमला किया और एफ16 विमान को मार गिराया। लेकिन इस जद्दोजहद में उनका मिग 21 भी क्रैश हो गया। पाकिस्तानी सीमा में उतरे अभिनंदन को पाक सेना ने पकड़ लिया। अगले 60 घंटे काफी तनाव भरे बीते। लेकिन आखिरकार भारत के सामने पाकिस्तान को झुकना पड़ा और भारत के इस वीर सैनिक को सकुशल वाघा बॉर्डर के रास्ते वतन वापस भेजना पड़ा।  

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