Friday, December 13, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. मनी चेंजर्स के लिए लाइसेंसिंग नॉर्म को सरल बनाएगा आरबीआई, होगा ये फायदा

मनी चेंजर्स के लिए लाइसेंसिंग नॉर्म को सरल बनाएगा आरबीआई, होगा ये फायदा

आधिकारिक बयान के अनुसार, रिज़र्व बैंक ने यूजर्स द्वारा विदेशी मुद्रा लेनदेन को आसान बनाने के मकसद से फेमा के तहत मौजूदा प्राधिकरण ढांचे की समीक्षा की है, और साथ ही एपी को नियंत्रित करने वाले नियामक निरीक्षण ढांचे को मजबूत किया है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Dec 27, 2023 14:37 IST, Updated : Dec 27, 2023 14:37 IST
आरबीआई- India TV Paisa
Photo:FILE आरबीआई

विदेशी मुद्रा से संबंधित सेवाओं की सुविधा के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक नई पहल की है। मनी चेंजिंग को तर्कसंगत बनाने के उद्देश्य से आरबीआई एक नया मसौदा लेकर आया है। आरबीआई ने कहा कि मौजूदा लाइसेंसिंग ढांचे की समीक्षा का मकसद बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था की उभरती आवश्यकताओं को पूरा करना, उचित जांच और संतुलन बनाए रखते हुए आम व्यक्तियों, पर्यटकों और व्यवसायों को विदेशी मुद्रा सुविधाओं के वितरण में परिचालन दक्षता हासिल करना है।

फेमा को तर्कसंगत और सरल बनाने की तैयारी

फेमा, 1999 के तहत अधिकृत व्यक्तियों (एपी) को लाइसेंस देने की रूपरेखा की समीक्षा मार्च 2006 में की गई थी। आरबीआई ने कहा, “फेमा के तहत उदारीकरण, वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था के एकीकरण, भुगतान प्रणालियों के डिजिटलीकरण और पिछले दो दशकों में विकसित संस्थागत संरचना को ध्यान में रखते हुए, अधिकृत करने के लिए लाइसेंसिंग ढांचे को तर्कसंगत और सरल बनाने का निर्णय लिया गया है।" आरबीआई ने 31 जनवरी, 2024 तक सभी हितधारकों से मसौदा ढांचे पर प्रतिक्रिया देने को कहा है।

इस कारण बदलाव की तैयारी में आरबीआई

आधिकारिक बयान के अनुसार, रिज़र्व बैंक ने यूजर्स द्वारा विदेशी मुद्रा लेनदेन को आसान बनाने के मकसद से फेमा के तहत मौजूदा प्राधिकरण ढांचे की समीक्षा की है, और साथ ही एपी को नियंत्रित करने वाले नियामक निरीक्षण ढांचे को मजबूत किया है। मानदंडों में मुद्रा परिवर्तकों की एक नई श्रेणी प्रस्तावित की गई है जो श्रेणी-I और श्रेणी-II अधिकृत डीलरों के एजेंसी मॉडल के माध्यम से धन बदलने का व्यवसाय कर सकते हैं। ऐसी संस्थाओं को आरबीआई से प्राधिकरण लेने की आवश्यकता नहीं होगी। नियामक बोझ को कम करने और व्यापार करने में आसानी के लिए, आरबीआई ने श्रेणी- II के रूप में मौजूदा प्राधिकरण को स्थायी आधार पर नवीनीकृत करने का प्रस्ताव दिया है।

अधिकृत डीलर श्रेणी- II वे हैं जो केवाईसी/एएमएल/सीएफटी आवश्यकताओं के पालन के अधीन, विदेश में निजी/व्यावसायिक यात्राओं पर यात्रा करने वाले निवासियों को विदेशी मुद्रा प्री-पेड कार्ड जारी कर सकते हैं। हालांकि, विदेशी मुद्रा प्री-पेड कार्डों के संबंध में निपटान एडी श्रेणी-I बैंकों के माध्यम से किया जाना है।

इनपुट: आईएएनएस

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement