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साल 2022 में इतना कमजोर हुआ रुपया, यहां जानें 2023 में कैसी रहेगी चाल?

भारतीय रुपये के लिए साल 2022 बेहद खराब रहा है। अमेरिकी डॉलर ने 7 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। आइए जानते हैं कि साल 2023 में रुपये की चाल कैसी रहने वाली है?

Vikash Tiwary Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: January 02, 2023 11:24 IST
Indian Rupees- India TV Paisa
Photo:INDIA TV साल 2022 में इतना कमजोर हुआ रुपया

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आक्रामक मौद्रिक नीति ने वर्ष 2022 में पूरे साल लगातार डॉलर को मजबूत किया, जिससे भारतीय रुपये का भाव अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इस साल 11 प्रतिशत से अधिक गिर गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 2021 के अंत में 74.29 के स्तर पर रहा था, लेकिन वर्ष 2022 के अंत में यह 82.61 के भाव पर आ गया। बता दें, इस साल अमेरिकी मुद्रा 2015 के बाद से किसी वर्ष के मुकाबले सबसे अधिक मजबूत हुई है। 

रुपये ने किया वैश्विक मुद्राओं की तुलना में बेहतर प्रदर्शन

हालांकि, भारतीय मुद्रा ने तुर्की की लीरा और ब्रिटिश पाउंड जैसी कुछ अन्य वैश्विक मुद्राओं की तुलना में कहीं बेहतर प्रदर्शन किया। विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता, यूक्रेन पर रूस के हमले, वैश्विक तेल कीमतों में तेजी के कारण रिजर्व बैंक को रुपये की गिरावट थामने के लिए आगे आना पडा। डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में तेज गिरावट के चलते आयातित मुद्रास्फीति नीति निर्माताओं के लिए एक चुनौती बन गई। वर्ष के दौरान मुद्रा बाजार में अस्थिरता फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध के असर से शुरू हुई। इसने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित कर दिया, जिससे दुनिया भर में महंगाई बढ़ गई। 

इस वजह से रुपया हुआ कमजोर

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि शुरू कर दी। ऐसे में डॉलर एक सुरक्षित मुद्रा बन गई, जिससे दूसरे देशों से भारी मात्रा में निकासी हुई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के कारण भी रुपये पर दबाव रहा। वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दर में आक्रामक वृद्धि करने से विदेशी निवेशकों ने 2022 में भारतीय इक्विटी बाजारों से 1.22 लाख करोड़ रुपये और ऋण बाजारों से 17,000 करोड़ रुपये से अधिक की शुद्ध निकासी की। हालांकि, आरबीआई ने गिरते रुपये को सहारा देने के लिए सौ अरब डॉलर से अधिक खर्च किए, लेकिन फिर भी यह डॉलर के मुकाबले 83 रुपये के करीब चला गया। 

कैसा रहेगा रुपये के लिए साल 2023?

नए साल में रुपये के अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व आने वाले वर्ष में दरों में बढ़ोतरी की तीव्रता को कम करेगा। इसके अलावा, वैश्विक निवेशकों का भारतीय बाजारों में भरोसा नहीं टूटा है और एफआईआई प्रवाह में सुधार शुरू हो गया है। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर ऊर्जा की कीमतों में गिरावट, भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद के चलते उम्मीद है कि रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कुछ मजबूती हासिल करेगा और इस साल रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज करेगा।

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