
Industry looking at replacing features phone with smartphones in country, says ICEA
नई दिल्ली। मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियां देश में निचले तबके द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले फीचर फोनों को स्मार्टफोन से बदलने की एक योजना पर काम कर रही हैं। यह जानकारी गुरुवार को मोबाइल फोन उद्योग के शीर्ष संगठन आईसीईए के एक सदस्य ने दी। लावा इंटरनेशनल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक हरि ओम राय ने कहा कि फीचर फोन इस्तेमाल करने वाले लोगों के पास तक स्मार्टफोन पहुंचाने की योजना तैयार होने में और दो महीने लगेंगे। वह इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान प्रशासन संचालन में स्मार्टफोन की भूमिका पर एक रिपोर्ट भी जारी की गई। राय ने कहा कि हम देश में मौजूद सारे फीचर फोन को स्मार्टफोन से बदलने की योजना पर काम कर रहे हैं। यह देश में न सिर्फ उस सिरे से बदलाव लाएगा बल्कि यह एप पारिस्थितिकि तंत्र और मौलिक सॉफ्टवेयर के बीच भेद को भी सुनिश्चित करेगा।
वेबिनार के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी सचिव अजय प्रकाश साहनी ने मोबाइल फोन विनिर्माताओं से मोबाइल फोन में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि देश को स्मार्टफोन में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर पर भी काम करना शुरू करना चाहिए।
साहनी ने कहा कि इतनी ही बड़ी चुनौती (फीचर फोन के बदले स्मार्टफोन) मोबाइल फोन के सॉफ्टवेयर वाले हिस्से मसलन ऑपरेटिंग सिस्टम और रोजाना इस्तेमाल होने वाली एप को लेकर भी है। हमारे पास नई एप बनाने की योग्यता है। आज हिंदुस्तान में किसी भी तरह की प्रौद्योगिकी पर काम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उद्योग को सॉफ्टवेयर विकसित करने पर भी ध्यान देना चाहिए, जिसमें भारतीय डीएनए हो।
साहनी ने यह रिपोर्ट जारी करते वक्त कहा कि देश डिजिटलीकरण की ओर बढ़ रहा है। नागरिकों को विभिन्न सरकारी सेवाएं डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही हैं। सरकार 300 से ज्यादा एप के माध्यम से नागरिक सुविधाएं पहुंचा रही है। आईसीईए ने यह रिपोर्ट केपीएमजी के साथ मिलकर तैयार की है। इसमें 2022 तक देश में कुल 82.9 करोड़ स्मार्टफोन होने का अनुमान जताया गया है। यह करीब देश की 60 प्रतिशत आबादी के बराबर है।