Reliance Jio will brings Rs 4,000 smartphone, Ambani plans to dominate telecom market
नई दिल्ली। भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की टेलीकॉम कंपनी Reliance Jio घरेलू असेंबलर्स के साथ अपने जियो फोन का वर्जन तैयार करने के लिए बातचीत कर रही है। यह जियो फोन गूगल के एंड्रॉयड पर रन करेगा और इसकी कीमत 4000 रुपए (54 डॉलर) होगी। इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि रिलायंस जियो ने लोकल सप्लायर्स से भारत में अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए कहा है, जिससे अगले दो सालों में 20 करोड़ स्मार्टफोन की बिक्री की जा सके। जियो अपने इस सस्ते स्मार्टफोन से चीन की शाओमी और वीवो जैसी कंपनियों को सीधे टक्कर देना चाहती है।
सूत्रों के मुताबिक इस सस्ते फोन को रिलायंस जियो के सस्ते वायरलेस प्लान के साथ बेचा जाएगा। रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी अब टेलीकॉम के बाद देश के मोबाइल फोन मार्केट में एक नई क्रांति लाना चाहते हैं। टेलीकॉम क्षेत्र में अक्रामक कीमत और आसान प्लांस की दम पर रिलायंस जियो भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन गई है। अब कंपनी का लक्ष्य सस्ते स्मार्टफोन के जरिये फिर से वही सफलता दोहराना है। सूत्रों ने बताया कि अंबानी ने सरकार के मेक इन इंडिया प्लान को आगे बढ़ाने के लिए डिक्सन टेक्नोलॉजीज इंडिया, लावा इंटरनेशनल और कार्बन मोबाइल्स जैसी घरेलू कंपनियों के साथ गठजोड़ किया है।
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक एसोसिएशन के चेयरमैन पंकज महिंद्रू ने कहा कि हम अपनी घरेलू कंपनियों को खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। एंट्री लेवल फोन में हामरे पास बहुत संभावनाएं हैं। पूरी दुनिया यह मानती है कि कारोबार के लिए भारत एक बेहतर स्थान है और विनिर्माण के लिए भी यह एकदम उपयुक्त है। रिलायंस के प्रवक्ता ने इस खबर पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया है।
सूत्रों ने बताया कि रिलायंस का लक्ष्य अगले दो सालों में 15 से 20 करोड़ स्मार्टफोन बेचना है। महिंद्रू ने बताया कि भारत में इस साल मार्च तक 16.5 करोड़ स्मार्टफोन का निर्माण किया गया और इतने ही फीचर फोन बनाए गए। 20 प्रतिशत स्मार्टफोन की कीमत 7000 रुपए से कम है।
रिलायंस जियो की प्रतिस्पर्धी भारती एयरटेल भी अपना 4जी डिवाइस बनाने के लिए असेंबलर्स के साथ बातचीत कर रही है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक अंबानी पहले सस्ते स्मार्टफोन का निर्यात करने पर विचार कर रहे थे, लेकिन अब उन्होंने अपनी योजना को बदलते हुए भारत में ही इनका निर्माण करने की योजना बनाई है।







































