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फर्जी रेटिंग कराने वाले हो जाएं सावधान, वरना सरकार के ये नियम कंपनियों को बर्बाद कर देंगे

आज के समय में कई कंपनियां ऑनलाइन फर्जी रेटिंग करा रही हैं ताकि उनका प्रोडक्ट गूगल पर सर्च करने पर टॉप रेटिंग वाले प्रोडक्ट में शामिल हो सके। इससे आम ग्राहक को नुकसान हो जाता है। अब सरकार इसपर लगाम लगाने की तैयारी में है।

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published : Nov 21, 2022 21:40 IST, Updated : Nov 21, 2022 21:44 IST
अब बंद करना होगा फर्जी रेटिंग कराना; वरना पड़ेगा भारी- India TV Paisa
Photo:INDIA TV अब बंद करना होगा फर्जी रेटिंग कराना; वरना पड़ेगा भारी

Fake Ratings: अब लोग ऑफलाइन प्रोडक्ट खरीदने से पहले उसके बारे में एक बार ऑनलाइन रिव्यू पढ़ते हैं ताकि सही जानकारी के बारे में पता चल सके, लेकिन कई कंपनियां फेक रेटिंग की मदद से खराब से खराब प्रोडक्ट को बेचने में कामयाब हो जाती हैं। ऐसे में आम ग्राहक को नुकसान उठाना पड़ता है। इसी समस्या के समाधान के लिए सरकार ने नए नियम जारी किए हैं।

इनका करना होगा पालन

अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को प्लेटफॉर्म पर पेश उत्पादों और सेवाओं की ‘भुगतान के बदले’ की जाने वाले रिव्यूस का अब खुद से खुलासा करना होगा। सरकार दरअसल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर फर्जी रेटिंग्स को रोकने के लिए नए नियम लेकर आई है। हालांकि, सरकार ने ऐसी रेटिंग्स को जारी करने पर रोक लगा दी है, जो किसी तीसरे पक्ष द्वारा खरीदी जाती हैं या जिन्हें आपूर्तिकर्ता द्वारा इसी उद्देश्य के लिए रखा गया है। 

नया नियम तैयार

25 नवंबर से प्रभावी होने के लिए तैयार किए गए बीआईएस मानक स्वैच्छिक होंगे, लेकिन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर फर्जी रेटिंग्स का सिलसिला जारी रहने की स्थिति में सरकार उन्हें अनिवार्य बनाने पर विचार करेगी। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने सोमवार को कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने ऑनलाइन उपभोक्ता रेटिंग्स के लिए एक नया मानक ‘आईएस 19000:2022’ तैयार किया है। ये मानक हर उस कंपनी पर लागू होंगे जो उपभोक्ता रेटिंग्स को ऑनलाइन प्रकाशित करते हैं या दर्शाते हैं। 

भारत बना पहला देश

सिंह ने कहा कि बीआईएस अगले 15 दिन के भीतर यह जांचने के लिए सर्टिफिकेशन प्रोसेस पेश करेगा कि कंपनी इन नियमों को फॉलो कर रही है या नहीं। ई-कॉमर्स कंपनियां इसके सर्टिफिकेट के लिए बीएसआई में आवेदन कर सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ऑनलाइन रेटिंग्स के लिए मानक तैयार करने वाले हम शायद दुनिया के पहले देश हैं। कई अन्य देश भी फर्जी रेटिंग्स को नियंत्रित करने के तरीकों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं।’’ 

इन कंपनियों ने नियम फॉलो करने का दिया भरोसा

चूंकि ई-कॉमर्स में उत्पाद को छूकर देखने का विकल्प नहीं होता है, इसलिए उपभोक्ता उन उपयोगकर्ताओं की राय और अनुभव पर काफी भरोसा करते हैं, जिन्होंने पहले ही सामान या सेवाओं को खरीदा है। ऐसे में फर्जी रेटिंग्स और स्टार रेटिंग उपभोक्ताओं को ऑनलाइन उत्पाद और सेवाएं खरीदने के लिए गुमराह करती हैं। सचिव ने कहा कि जोमैटो, स्विगी, रिलायंस रिटेल, टाटा संस, अमेजन, फ्लिपकार्ट, गूगल, मेटा, मीशो, ब्लिंकिट और जिप्टो जैसी कंपनियों ने परामर्श प्रक्रिया में भाग लिया और उन्होंने इन मानकों के अनुपालन का भरोसा दिलाया है।

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