
भारतीया शेयर बाजार में पिछले हफ्ते शानदार तेजी रही। इसमें विदेशी निवेशकों की अहम भूमिका रही। लंबे समय के बाद विदेशी निवेश्कों ने शेयर बाजार में खरीदारी की है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों में लगभग 8,500 करोड़ रुपये का निवेश किया। माह की शुरुआत में बिकवाली के बाद यह निवेश धारणा में सकारात्मक बदलाव का संकेत देता है। ट्रेड वॉर खत्म होने की उम्मीद और भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, 18 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में एफपीआई ने भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 8,472 करोड़ रुपये का निवेश किया। हालांकि, 15 अप्रैल को उन्होंने 2,352 करोड़ रुपये की निकासी की थी, लेकिन अगले दो कारोबारी सत्रों में उन्होंने 10,824 करोड़ रुपये का निवेश किया।
निवेश धारणा में सुधार हो रहा
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट के एसोसिएट निदेशक (प्रबंधक शोध) हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि एफपीआई गतिविधियों में हालिया तेजी से यह संकेत मिलता है कि निवेश धारणा में सुधार हो रहा है। हालांकि, इस प्रवाह की स्थिरता मुख्य रूप से वैश्विक आर्थिक स्थिति, अमेरिका की व्यापार नीतियों और भारत की आर्थिक वृद्धि पर निर्भर करेगी। बीते सप्ताह 15 से 17 अप्रैल तक केवल तीन दिन मंगलवार, बुधवार और गुरुवार ही बाजार खुले रहे। सोमवार को आंबेडकर जयंती और शुक्रवार को गुड फ्राइडे के चलते बाजार बंद रहे।
अप्रैल में अब तक की स्थिति
एफपीआई ने अप्रैल माह में अब तक कुल 23,103 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है। इसके साथ ही वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक एफपीआई की कुल निकासी 1.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। श्रीवास्तव ने कहा कि अप्रैल के पहले हिस्से में एफपीआई की ओर से आक्रामक बिकवाली अमेरिका द्वारा कई देशों पर लगाए गए शुल्क की प्रतिक्रिया के रूप में देखी गई। हालांकि, भारत की आर्थिक मजबूती, वैश्विक व्यापार में सुधार और शेयर बाजारों में हालिया सुधार के चलते एफपीआई की दिलचस्पी फिर से बढ़ी है।
भारत की मजबूती आकर्षित कर रही
जियोजीत इन्वेस्टमेंट के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी. के. विजयकुमार के अनुसार, डॉलर इंडेक्स में गिरावट और डॉलर की कमजोरी के चलते एफपीआई अमेरिका से हटकर भारत जैसे उभरते बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं। अमेरिका और चीन दोनों में इस साल धीमी वृद्धि की संभावना है, जबकि भारत की विकास दर 2025-26 में छह प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह शेयर बाजारों के लिए सकारात्मक संकेत है।
पिछले महीनों में एफपीआई की स्थिति इस प्रकार रही
- मार्च: 3,973 करोड़ रुपये की निकासी
- फरवरी: 34,574 करोड़ रुपये की निकासी
- जनवरी: 78,027 करोड़ रुपये की भारी निकासी
अब अप्रैल में हालात कुछ सुधरते नजर आ रहे हैं, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी भारत में बनी रह सकती है।