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SIDBI लाएगा राइट इश्यू, FY2024-25 में जुटाएगा 5000 करोड़ रुपये, जानें पूरी बात

31 मार्च 2023 तक भारत सरकार की सिडबी में 20.85 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक का 15.65 प्रतिशत, जबकि भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी की हिस्सेदारी 13.33 प्रतिशत थी।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Mar 12, 2024 15:01 IST, Updated : Mar 12, 2024 15:02 IST
देश में एमएसएमई को दिए गए कुल लोन का 17 प्रतिशत ऋण सिडबी के पास है।- India TV Paisa
Photo:REUTERS देश में एमएसएमई को दिए गए कुल लोन का 17 प्रतिशत ऋण सिडबी के पास है।

भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने मंगलवार को कहा कि अगले वित्त वर्ष में राइट्स इश्यू से 5,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहा है। कंपनी इस पैसे का इस्तेमाल कारोबार ग्रोथ के लिए करेगी। सिडबी ने कहा कि एसएमई फाइनेंस के लिए रीफाइनेंस यूनिट मजबूत लोन ग्रोथ देख रही है और कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए पूंजी की जरूरत पड़ेगी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, सिडबी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एस रमन ने कहा कि बैंक अगले वित्त वर्ष में राइट्स इश्यू से 5,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार सबसे बड़ी शेयरधारक है और सिडबी ने उनसे संपर्क कर राइट्स इश्यू में उनकी भागीदारी का अनुरोध किया है।

सिडबी में किसकी कितनी हिस्सेदारी

खबर के मुताबिक, 31 मार्च 2023 तक भारत सरकार की सिडबी में 20.85 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक का 15.65 प्रतिशत, जबकि भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी की हिस्सेदारी 13.33 प्रतिशत थी। बाकी दूसरे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) और संस्थानों के पास है। उन्होंने कहा कि यूनिट की लोन बुक 5 लाख करोड़ रुपये के करीब है और वित्तीय वर्ष लगभग 5.20 लाख करोड़ रुपये पर बंद होने की उम्मीद जताई। वर्तमान में, देश में एमएसएमई को दिए गए कुल लोन का 17 प्रतिशत ऋण सिडबी के पास है।

फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स

रमन ने कहा कि फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स (एफएफएस) ने देश में नए उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए 9,500 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता जताई है। स्टार्टअप इंडिया एक्शन प्लान के मुताबिक, 16 जनवरी 2016 को प्रधानमंत्री द्वारा एफएफएस का अनावरण किया गया था। इसने सेबी के साथ रजिस्टर्ड अलग-अलग वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) में योगदान के लिए 10,000 करोड़ रुपये के फंड को मंजूरी दी थी। रमन ने कहा कि  9,500 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता के कारण 100 से अधिक एआईएफ ने 56,000 करोड़ रुपये और जुटाए हैं।

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