
Share Market निवेशक इस साल की शुरुआत से परेशान हैं। वजह, मार्केट में जारी भारी उठा-पटक है। लेकिन सभी निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। अगर पिछले 46 साल का आंकड़ा देखें तो सेंसेक्स ने odd year यानी विषम साल में अपने निवेशकों को बंपर रिटर्न दिया है। 23 विषम सालों में सेंसेक्स का औसत रिटर्न 26.56 प्रतिशत रहा है। वहीं, पिछले 23 सम सालों में सेंसेक्स का औसत रिटर्न 11.20 प्रतिशत रहा। सेंसेक्स की औसत वृद्धि विषम साल में 18.74 प्रतिशत रही, जबकि सम साल में यह 8.17 प्रतिशत रही। यानी हर विषम साल ने सम साल के मुकाबले ज्यादा रिटर्न दिया। 2025 भी एक विषम साल है। क्या इस बार फिर से इतिहास अपने को दोहराएगा?
पिछले कुछ साल में भी ट्रेंड नहीं बदला
सैमको सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, सेंसेक्स ने 2024 में 8.17 प्रतिशत , 2023 में 18.74 प्रतिशत , 2022 में 4.44 प्रतिशत , 2021 में 21.99 प्रतिशत और 2020 में 15.75 प्रतिशत रिटर्न दिया है। इससे पता चलता है कि विषम साल में हमेशा सेंसेक्स ने सम साल के मुकाबले ज्यादा रिटर्न दिया है। इसके अलावा किसी भी विषम वर्ष में सेंसेक्स द्वारा अधिकतम रिटर्न 93.98 प्रतिशत रहा, जबकि सम वर्ष में यह 50.68 प्रतिशत था। सेंसेक्स में अधिकतम गिरावट विषम वर्ष में 24.64 प्रतिशत रही, जबकि सम वर्ष में यह 52.45 प्रतिशत थी।
2024 के बाद अब तक निवेशक निराश
पिछले साल के लचर प्रदर्शन के बाद अबतक सेसेंक्स ने निवेशकों को निराश ही किया है। शेयर बाजार के एक्सपर्ट का मानना है कि भारतीय इक्विटी बाजार की दीर्घकालिक वृद्धि की कहानी जारी रहेगी। हालांकि, मौजूदा मूल्यांकन के साथ आगे विस्तार के लिए सीमित गुंजाइश की पेशकश के साथ, कॉर्पोरेट आय में वृद्धि बाजार के रिटर्न को आगे बढ़ाने का प्राथमिक चालक होगी। इसलिए, उन्होंने कहा कि 'उचित मूल्य पर विकास' और 'गुणवत्ता' पर ध्यान केंद्रित करने के साथ बॉटम-अप स्टॉक चुनना अगले एक साल में संतोषजनक रिटर्न उत्पन्न करने की कुंजी होगी।