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बिजली उपभोक्‍ताओं के लिए बड़ी खबर, जल्‍द पूरे देश में लगेंगे प्रीपेड स्‍मार्ट मीटर बिजली मंत्रालय का नया निर्देश

इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर सभी बिजली उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर स्थापित करना है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: August 13, 2021 12:45 IST
install prepaid smart meters to all electricity consumers, says Power ministry - India TV Paisa
Photo:PTI

install prepaid smart meters to all electricity consumers, says Power ministry

नई दिल्‍ली। देश में जल्‍द ही बिजली उपभोग के लिए बिल भुगतान में बड़ा बदलाव आने वाला है। बिजली उपभोक्‍ताओं को अब उपभोग से पहले भुगतान करना होगा, जबकि अभी उपभोग के बाद भुगतान करने की व्‍यवस्‍था लागू है। केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों को बिजली के प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की सलाह दी है। बिजली मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि मंत्रालय ने केंद्र के सभी मंत्रालयों को उनके प्रशासनिक नियंत्रण में आने वाले संगठनों को प्राथमिक आधार पर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का निर्देश देने का परामर्श जारी किया है।

इसके तहत मंत्रालयों को इस संबंध में सभी जरूरी आदेश भी जारी करने को कहा गया है। बयान के अनुसार वित्त मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए सभी केंद्रीय मंत्रालयों और केंद्रीय विभागों से बैंक गारंटी पर जोर दिए बिना प्री-पेड बिजली के मीटर के लिए अग्रिम भुगतान करने को कहा है। इसके साथ ही सभी से समुचित लेखा व्यवस्था सुनिश्चतत करने को भी कहा है। बिजली मंत्रालय के अनुसार सभी सरकारी विभागों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर न केवल वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को वित्तीय स्थिरता के रास्ते पर लाने और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण साबित होगा बल्कि राज्यों के लिए भी इसी प्रकार की व्यवस्था तैयार करने को लेकर एक मॉडल के रूप में काम करेगा।

इससे उनके अपने विभागों द्वारा बकाया बिजली बिलों का भुगतान करने में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार सभी उपभोक्ताओं को निर्बाध, भरोसेमंद और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए परिचालन को लेकर कुशल और वित्तीय रूप से मजबूत बिजली क्षेत्र जरूरी है। बिजली क्षेत्र में वितरण कंपनियों को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन साथ ही वे इस क्षेत्र में सबसे कमजोर कड़ी भी हैं। इसका कारण वितरण क्षेत्र की खराब वित्तीय सेहत है जिसका असर अंतत: उत्पादन क्षेत्र पर पड़ता है।

परिचालन संबंधी अकुशलता के अलावा केंद्र एवं राज्य सरकारों के विभागों पर भारी मात्रा में बिजली बिल बकाया के साथ विलम्ब और अपर्याप्त भुगतान भी वितरण कंपनियों की दुर्दशा का कारण है। राज्यों से प्राप्त अनुमानों के अनुसार उनके सरकारी विभागों पर 2020-21 के अंत में कुल 48,664 करोड़ रुपये का बिजली का बकाया था। सरकार ने वितरण क्षेत्र की परिचालन दक्षता और वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए संशोधित वितरण क्षेत्र योजना सुधार आधारित और परिणाम संबद्ध योजना को मंजूरी दी है। यह योजना मौजूदा डिस्कॉम को परिचालन रूप से कुशल और वित्तीय रूप से मजबूत बनाने पर जोर देती है।

इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर सभी बिजली उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर स्थापित करना है। इसके लिए योजना के कुल परिव्यय का आधा हिस्से की प्रतिबद्धता रखी गई है। केंद्र और राज्य सरकारों के सभी विभागों सहित शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकाय और सरकारी बोर्ड तथा निगमों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने को प्राथमिकता दी गई है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी विभाग इसके लिए उचित बजट रखें और बिजली सेवाओं का जब भी उपयोग करें उसका भुगतान करें। 

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