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चीन को कॉपी कर भारत नहीं बन सकता दुनिया का अगला मैन्‍यूफैक्‍चरिंग हब, वर्ल्‍ड लीडर बनने के लिए देना होगा नए क्षेत्रों पर ध्‍यान

चीन की नकल कर भारत दुनिया के लिए अगली फैक्टरी नहीं बन सकता, हमें हमेशा विकास के नए उभरते क्षेत्रों पर ध्यान देना होगा, यह समय विकास के उभरते क्षेत्रों में संभावनाओं का भरपूर दोहन करने का है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: August 12, 2021 15:39 IST
India cannot become next factory of world by copying China- India TV Paisa
Photo:PTI

India cannot become next factory of world by copying China

नई दिल्‍ली। चीन की नकल कर भारत कभी भी दुनिया के लिए अगला मैन्‍यूफैक्‍चरिंग हब नहीं बन सकता। यह बात नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने गुरुवार को कही। उन्‍होंने जोर देते हुए कहा कि यदि भारत एक ग्‍लोबल लीडर बनना चाहता है तो उसे विकास के उभरते क्षेत्रों पर ध्‍यान केंद्रित करने की आवश्‍यकता है।  

उद्योग संगठन सीआईआई द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांत ने कहा कि भारत के प्राइवेट सेक्‍टर ने अपने लिए महत्‍वाकांक्षी लक्ष्‍य तय किए हैं और प्रतिस्‍पर्धी बनने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन, हाई-एंड बैटरी, एडवांस्‍ड सोलर पैनल्‍स जैसे क्षेत्रों पर ध्‍यान केंद्रित किया है।

उन्‍होंने कहा कि चीन की नकल कर भारत दुनिया के लिए अगली फैक्‍टरी नहीं बन सकता, हमें हमेशा विकास के नए उभरते क्षेत्रों पर ध्‍यान देना होगा, यह समय विकास के उभरते क्षेत्रों में संभावनाओं का भरपूर दोहन करने का है।  

कांत के मुताबिक, भारत को उन क्षेत्रों में अपनी ऊर्जा व्‍यर्थ नहीं करनी चाहिए, जहां चीन पहले से ही कब्‍जा जमाए हुए है। उन्‍होंने कहा कि भारत के पास रिन्‍यूवल सेक्‍टर में मजबूत वैश्विक कंपनियां हैं, यदि आप एक वैश्विक नेता बनना चाहते हैं तो हाइड्रोजन, हाई-एंड बैटरी, एडवांस्‍ड सोलर पैनल्‍स कुछ ऐसे टेक्‍नोलॉजी वृद्धि वाले क्षेत्र हैं जहां हमें ध्‍यान देना चाहिए।

नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि भारतीय उद्योग जगत को मजबूत, डिजिटल बनने और कौशल में निवेश एवं प्रतिस्‍पर्धी बनने के लिए कॉरपोरेट आरएंडडी एवं अत्‍याधुनिक प्रोडक्‍ट इन्‍नोवेशन के लिए प्रयास करने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि नई टेक्‍नोलॉजी शेयर्ड, कनेक्‍टेड और इलेक्ट्रिक है।

  उन्‍होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से उत्‍तपन्‍न बाधाओं का उपयोग प्राइवेट सेक्‍टर को वैश्विक स्‍तर पर प्रतिस्‍पर्धी बनने के लिए करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि दुनिया अब ग्रीन टेक्‍नोलॉजी की दिशा में आगे बढ़ रही है। पुरानी टेक्‍नोलॉजी खत्‍म हो जाएगी, ग्रीन टेक्‍नोलॉजी ही अब भविष्‍य है। उन्‍होंने कहा कि भारत ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्‍ट्स में लागत कम करने के लिए इन्‍नोवेटिव प्रोजेक्‍ट्स की खोज कर रहा है।

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