भारत सरकार ने आखिरकार वो फैसला ले लिया जिसका देश की ऑटो इंडस्ट्री को लंबे समय से इंतजार था। केंद्र ने चीन से रेयर अर्थ मैग्नेट के आयात के लिए कई कंपनियों को लाइसेंस जारी कर दिया है।
अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप ने चीन को लेकर सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें ही नहीं बल्कि कई बार भारी-भरकम टैरिफ लगाने की भी धमकी दी।
चीन की ये हाई-स्पीड ट्रेन महज 4 मिनट 40 सेकंड में 350 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है, जो इसके पुराने मॉडल CR400 की तुलना में 100 सेकंड कम है।
अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर ने दुनिया की अर्थव्यवस्था में हलचल मचा दी है, लेकिन भारत के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं। चीन पर बढ़े टैरिफ के बाद अमेरिकी कंपनियां अब भारत की ओर रुख कर रही हैं, जिससे भारतीय एक्सपोर्टर्स के लिए कमाई के नए दरवाजे खुल गए हैं।
अमेरिका ने H-1B वीजा की फीस में $1,00,000 की जोरदार बढ़ोतरी कर दी है, जाहिर है ऐसे में कई प्रोफेशनल अमेरिका से बाहर जा सकते हैं। चीन ने इसी अवसर का फायदा उठाने के लिए एक K-VISA ऑफर करने की तैयारी कर रहा है, ताकि विदेशी टैलेंस चीन आ सकें।
अमेरिकी वाणिज्य मंत्री ने आरोप लगाया कि भारत को दूसरों की परवाह नहीं है, वे बस सस्ते में तेल खरीदकर ढेर सारा पैसा कमाना चाहते हैं। लुटनिक ने कहा कि भारत को ये तय करना होगा कि वे किस पक्ष में रहना चाहते हैं।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री जयशंकर को आश्वासन दिया है कि भारत की उर्वरकों, दुर्लभ मृदा खनिजों और सुरंग खोदने वाली मशीनों की जरूरतों को चीन पूरा करेगा।
पिछले हफ्ते ट्रंप ने भारत पर रूस से लगातार कच्चा तेल खरीदने के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। लेकिन ट्रंप ने अभी तक चीन के खिलाफ ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की है।
अमेरिका लगातार भारत पर दबाब की राजनीति कर रहा है। इस बीच नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने चीनी निवेश पर प्रतिबंध हटाने की सलाह दी है।
कैनालिस की रिसर्च के मुताबिक, चीन के साथ व्यापार वार्ता को लेकर अनिश्चितता के कारण सप्लाई चेन को तैयार करने का काम तेज हुआ है।
एसबीआई के अर्थशास्त्रियों की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने 'रेयर अर्थ' और उससे संबंधित उत्पादों का 31.9 मिलियन डॉलर मूल्य का आयात किया, जबकि रेयर अर्थ मैग्नेट्स के आयात का आंकड़ा 291 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
कोविड-19 के कारण लगे कड़े प्रतिबंधों को हटाने के बाद चीन ने 2023 की शुरुआत में पर्यटकों के लिए अपनी सीमाएं फिर से खोल दी थीं, लेकिन उस साल सिर्फ 1.38 करोड़ लोग ही चीन गए थे।
वाणिज्य मंत्रालय की एक शाखा, व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) की सिफारिशों के बाद शुल्क लगाए गए। भारत और चीन दोनों ही बहुपक्षीय संगठनों के सदस्य हैं, जो वैश्विक व्यापार मानदंडों से निपटते हैं।
सरकार ने 2020 के प्रेस नोट तीन के तहत भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से विदेशी निवेश के लिए पूर्व मंजूरी को अनिवार्य कर दिया था।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) ने सरकार से बीजिंग पर प्रतिबंधों में ढील देने के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था और दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कार बाजार में आने वाले संकट की चेतावनी दी थी।
सरकार ने कहा कि अगर कब्जे की कीमत 280 रुपये प्रति किलो से कम है, तो उसके आयात पर प्रतिबंध लागू होंगे।
J-10 फाइटर जेट्स बनाने वाली चीनी डिफेंस कंपनी Avic Chengdu Aircraft के शेयर तीन दिन में 11 फीसदी से अधिक गिर गए हैं।
बातचीत का उद्देश्य अमेरिका और चीन, दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच लंबे समय से चल रहे व्यापार विवाद को कम करना है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि यह बैठक अमेरिकी पक्ष के अनुरोध पर हो रही है, जिसको लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने असहमति जताई और जियान से कहा कि वापस जाकर अपनी फाइलों का अध्ययन करें।
इंपोर्ट पर भारी-भरकम टैरिफ लगाने के ट्रंप के फैसले के बाद चीन ने भी जवाबी कदम उठाए, जिसके बाद दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर जैसी स्थिति बन गई।
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