दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में भारत का दबदबा आने वाले समय में भी कायम रहेगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अपनी रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है। IMF के ताजा अनुमान के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर अब सात प्रतिशत रहने की उम्मीद है। यह अप्रैल में अनुमानित 6.8 प्रतिशत से अधिक है। आईएमएफ ने इस साल चीन के लिए अपने वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर 5.0 प्रतिशत कर दिया है। जबकि अप्रैल में यह 4.6 प्रतिशत था। हालांकि, यह 2023 के 5.2 प्रतिशत से कम है। इस तरह भारत की जीडीपी ग्रोथ चीन से आगे रहेगी। साथ ही भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
आर्थिक परिदृश्य को बेहतर किया
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने इस साल के लिए चीन, भारत और यूरोप के मामले में अपने आर्थिक परिदृश्य को बेहतर किया है। वहीं अमेरिका और जापान के मामले में अनुमान मामूली रूप से घटाया है। हालांकि, मुद्रा कोष ने यह भी कहा कि बढ़ती कीमतों के खिलाफ दुनियाभर में प्रगति धीमी हुई है। इसका कारण हवाई यात्रा से लेकर रेस्तरां में भोजन करने जैसी सेवाओं की महंगाई है। आईएमएफ ने मंगलवार को कहा कि उसे अब भी उम्मीद है कि विश्व अर्थव्यवस्था इस साल 3.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। यह अप्रैल में जताये गये उसके पिछले अनुमान के समान है। जबकि 2023 की 3.3 प्रतिशत की वृद्धि से कम है।
चीन और भारत की हिस्सेदारी लगभग आधी होगी
2000 से 2019 तक, महामारी से पहले आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि के कारण, वैश्विक वृद्धि दर सालाना औसतन 3.8 प्रतिशत रही थी। दुनिया के 190 देशों को कर्ज देने वाला वैश्विक संगठन मुद्रा कोष आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देने तथा वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए काम करता है। विश्व आर्थिक परिदृश्य के ताजा आंकड़े के साथ आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने लिखा है कि इस साल वैश्विक आर्थिक वृद्धि में चीन और भारत की हिस्सेदारी लगभग आधी होगी। इसका कारण 2024 की शुरुआत में चीनी निर्यात में वृद्धि है।
भारत की जीडीपी ग्रोथ बढ़ने की वजह
आईएमएफ के अनुसार, इसका एक कारण ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत उपभोक्ता खर्च है। वहीं अमेरिका के मामले में इस साल के लिए वृद्धि दर अनुमान को घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया गया जबकि अप्रैल में इसके 2.7 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी। इसी तरह, जापान के लिए आर्थिक वृद्धि अनुमान को 0.9 प्रतिशत से घटाकर 0.7 प्रतिशत कर दिया गया है। मुद्रा कोष ने यूरो मुद्रा साझा करने वाले 20 देशों के लिए अपने 2024 के वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर 0.9 प्रतिशत कर दिया। बीते साल यूरो क्षेत्र की वृद्धि दर 0.5 प्रतिशत रही थी। भाषा रमण अजय अजय 1607 2045 वाशिंगटन नननन