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भारत में SIP कब शुरू ​हुआ? अभी कितने करोड़ लोग करते हैं निवेश, जानें

छोटे निवेशकों द्वारा पसंदीदा एसआईपी, मासिक आधार पर या नियमित अंतराल पर म्यूचुअल फंड योजनाओं में एक निश्चित राशि निवेश किया जाता है। एसआईपी का एक प्रमुख लाभ यह है कि यह निवेशकों को बाजार गिरने पर पर अधिक यूनिट्स खरीदने और तेज होने पर कम इकाइयां खरीदने में सक्षम बनाता है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Apr 11, 2024 10:26 IST, Updated : Apr 11, 2024 10:26 IST
SIP- India TV Paisa
Photo:FILE एसआईपी

क्या आपको पता है कि भारत में सिस्टमैटिक इन्वेस्ट प्लान (SIP) की शुरुआत कब की गई थी? ऐसा मानना है कि एसआईपी की अवधारणा पहली बार भारत में 1990 की शुरुआत में पेश की गई थी। हालांकि, 'म्यूचुअल फंड सही है' अभियान ने SIP और म्यूचुअल फंड को देश में लोकप्रिय बना दिया है। आपको बता दें कि एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) से उपलब्ध आंकड़ों से पता चला है कि SIP के जरिये निवेश 2016 में 3,122 करोड़ रुपये से बढ़कर फरवरी 2024 तक 19,187 करोड़ रुपये हो गया है।

9 साल में SIP खाते 11 गुना से अधिक बढ़े 

एम्फी के आंकड़ों के अनुसार, म्यूचुअल फंड में आज लगभग 8.20 करोड़ एसआईपी खाते हैं, जिनके माध्यम से निवेशक नियमित रूप से निवेश करते हैं। वहीं, मार्च 2015 के अंत में एसआईपी खातों की संख्या सिर्फ 73 लाख थी। यानी पिछले 9 साल में एसआईपी खातों की संख्या 11 गुना से अधिक बढ़ गई है। भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग की प्रबंधन के तहत कुल संपत्ति (एयूएम)में दिसंबर 2023 में 50 ट्रिलियन रुपये का आंकड़ा पार कर गई।

इसलिए तेजी से बढ़ा म्यूचुअल फंड उद्योग 

उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, शेयर बाजार में तेजी और खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी ने व्यवस्थित निवेश मार्ग के माध्यम से म्यूचुअल फंड उद्योग में निवेश बढ़ाने में मदद की है। एएमएफआई के पास उपलब्ध आंकड़ों से यह भी पता चला है कि एसआईपी के माध्यम से वार्षिक योगदान में भी निरंतर वृद्धि देखी गई है। 

2016-17 में 43,921 करोड़ रुपये से, वार्षिक एसआईपी बुक वित्त वर्ष 2023-24 में फरवरी तक 1,79,948 करोड़ रुपये हो गई है।

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