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अगर यहां निवेश कर आपने की है कमाई तो हो जाएं सावधान! कभी भी आ सकता है इनकम टैक्स विभाग का नोटिस

क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले हो जाएं सावधान! कभी भी आपको इनकम टैक्स विभाग से नोटिस आ सकता है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jun 14, 2025 6:34 IST, Updated : Jun 14, 2025 6:34 IST
Investment
Photo:FILE निवेश

देश में क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले लाखों की संख्या में है। वह भी तब जब क्रिप्टो करेंसी भारत में वैध नहीं है। अब क्रिप्टो करेंसी से निवेश कर कमाई करने वाले पर सरकार ने सख्ती शुरू की है। मिली जानकारी के अनुसार, क्रिप्टो करेंसी से होने वाली आय अब इनकम टैक्स विभाग की जांच के घेरे में है। इनकम टैक्स विभाग ने हजारों ऐसे व्यक्तियों को ई-मेल भेजा है, जिन्होंने क्रिप्टो करेंसी में निवेश किया और कमाई की, लेकिन अपने रिटर्न में इससे होने वाली आय की जानकारी नहीं दी। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि ये लेनदेन आकलन वर्ष 2023-24 और 2024-25 से संबंधित हैं। 

टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग का शक

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को उन कुछ ‘उच्च जोखिम’ वाले लोगों पर टैक्स कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का शक है, जो संभावित रूप से ‘बेहिसाब’ आय का उपयोग आभासी डिजिटल परिसंपत्तियों (वीडीए) यानी क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने के लिए कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग ने उन हजारों चूककर्ताओं को ई-मेल भेजकर उन्हें अपडेट आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने के लिए कहा है, जिन्होंने क्रिप्टो लेनदेन के कारण होने वाली आय की घोषणा नहीं की है या गलत तरीके से जानकारी दी है। आयकर अधिनियम की धारा 115बीबीएच के अनुसार, क्रिप्टो लेनदेन से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर के अलावा अधिभार एवं सेस भी लगाया जाता है। यह प्रावधान खरीद की लागत को छोड़कर किसी भी खर्च की कटौती की अनुमति नहीं देता है। इसके अलावा, क्रिप्टो निवेश या कारोबार से होने वाले नुकसान को किसी अन्य आय के विरुद्ध निपटान करने या बाद के वर्षों में आगे ले जाने की अनुमति नहीं है। 

क्रिप्टो से होनी वाली आय छुपाया 

सूत्रों के अनुसार, आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि बड़ी संख्या में लोगों ने आईटीआर की अनुसूची वीडीए (क्रिप्टो से होने वाली आय) दाखिल न करके और अर्जित आय पर कम दर से कर भुगतान किया या लागत सूचकांक का दावा करके आयकर अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। ऐसा माना जा रहा है कि करदाताओं के दाखिल आईटीआर को विभाग द्वारा विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज की तरफ से दाखिल 'स्रोत पर कर कटौती' (टीडीएस) विवरण के साथ सत्यापित किया जा रहा है और चूककर्ताओं को आगे के ‘सत्यापन या जांच’ के लिए चिन्हित किया जा सकता है। सीबीडीटी का यह कदम आयकर विभाग के ‘पहले करदाताओं पर भरोसा करें’ की संकल्पना पर आधारित है।

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