सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है कि जीएसटी दरों में हाल ही में की गई कटौती का पूरा फायदा सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचे। इसके लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय मिलकर बाजार की कीमतों पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। भाषा की खबर के मुताबिक, सीबीआईसी के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि अगर कोई कंपनी जीएसटी में कटौती का लाभ ग्राहकों तक नहीं पहुँचा रही है, तो सरकार ऐसे मामलों को संबंधित उद्योग संगठनों के साथ उठाएगी।
प्रमुख सुधार और उनका प्रभाव
जीएसटी काउंसिल ने चार टैक्स स्लैब की जगह अब केवल दो स्लैब-5% और 18% लागू करने का फैसला किया है। विलासिता की वस्तुओं जैसे सिगरेट और तंबाकू पर 40% की विशेष दर लागू होगी। ये नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी, जो नवरात्रि के पहले दिन है। इससे दिवाली और छठ पूजा से पहले उपभोक्ताओं को बड़ा आर्थिक लाभ मिलेगा। नई दरों से टीवी, एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, खान-पान की चीजें और कई रोजमर्रा के उत्पादों पर टैक्स कम हो गया है, जिससे उनकी कीमतें भी कम होंगी।
उद्योग जगत की ज़िम्मेदारी
अग्रवाल के अनुसार, उद्योग जगत की भी यह जिम्मेदारी है कि वे सरकार द्वारा दी गई कर राहत का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं। उन्होंने यह भी बताया कि ज्यादातर कंपनियां खासकर उन उत्पादों पर जिनके एमआरपी पहले से छपे होते हैं, खुदरा विक्रेताओं को छूट देकर यह कटौती लागू करेंगी। अग्रवाल ने स्वीकार किया कि पुराने स्टॉक पर कीमतों में बदलाव में थोड़ी देरी हो सकती है, लेकिन जैसे ही नया स्टॉक आएगा, कीमतों में कमी साफ दिखाई देगी। प्रतिस्पर्धा के चलते अगर एक कंपनी लाभ देती है और दूसरी नहीं, तो ग्राहक इसे तुरंत पहचान जाएंगे।
सरल और पारदर्शी व्यवस्था
सीबीआईसी चेयरमैन के मुताबिक, जीएसटी की संरचना अब और भी सरल और पारदर्शी हो गई है। पहले एक ही तरह के उत्पादों पर अलग-अलग टैक्स दरें होने से विवाद होते थे, जो अब कम होंगे क्योंकि एक जैसी वस्तुएं एक ही टैक्स स्लैब में रखी गई हैं। इसके अलावा, रिफंड और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को भी तेज और आसान बनाया गया है, जिससे उद्योगों को अब पहले जैसी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
जल्दी घोषणा का कारण
अग्रवाल ने बताया कि इस फैसले को जल्दी लागू करने की वजह उद्योग जगत की मांग थी और साथ ही ग्राहक भी कीमतें कम होने की उम्मीद में अपनी खरीदारी टाल रहे थे। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को अपने भाषण में जीएसटी में बड़े सुधारों की बात कही थी और दिवाली व छठ पूजा से पहले लोगों को "दोहरे लाभ" देने का वादा किया था। यह घोषणा उसी वादे का हिस्सा है।






































