खासतौर पर 43 और 55 इंच स्क्रीन वाले टीवी सेट्स की बिक्री में सबसे ज्यादा उछाल आया है। इसके अलावा, सिर्फ महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स ही नहीं, बल्कि रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं की बिक्री में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
कार कंपनियों ने अपने सभी मॉडल पर नई घटी हुई कीमत का ऐलान किया है। जीएसटी दरों में कटौती के ऐलान के बाद 22 सितंबर से इन कारों की बिक्री की शुरुआत हो गई है।
जीएसटी सुधार के तहत सरकार ने अब चार की जगह सिर्फ दो जीएसटी स्लैब- 5% और 18% रखा है। 12% की दर को हटाने से कई मध्यम श्रेणी के उत्पाद सस्ते हो गए हैं, जिससे मध्यम वर्गीय परिवारों को सीधी राहत मिलेगी।
केंद्र सरकार की तरफ से जीएसटी में भारी कटौती के ऐलान के बाद कंपनियां अपनी कारों की कीमतों में लगातार कटौती कर रही हैं। फेस्टिवल सीजन को देखते हुए कई कंपनियां इस पर स्पेशल ऑफर भी दे रही हैं।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि उद्योग जगत की भी यह जिम्मेदारी है कि वे सरकार द्वारा दी गई कर राहत का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं।
यह पूछे जाने पर कि क्या जीएसटी परिषद की अगली बैठक में रिपोर्ट पेश की जाएगी, अग्रवाल ने कहा, अभी मंत्री समूह अपना काम कर रहा है और उस बारे में इस समय कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा।
GST काउंसिल की कल जैसलमेर में होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में कई अहम ऐलान हो सकते हैं। इनमें इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट समेत कई सामानों पर जीएसटी के रेट में बदलाव शामिल हैं।
सीबीआईसी के चेयरमैन ने कहा, ‘‘हम ऑनलाइन गेमिंग का संशोधित प्रावधान एक अक्टूबर से लागू करने के लिये पूरी तरह से तैयार हैं। जीएसटी परिषद की पिछली बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार, संबंधित अधिसूचनाएं प्रक्रियाधीन हैं। सभी राज्यों के लिये इस संदर्भ में 30 सितंबर तक कानून बनाना या अध्यादेश लाना जरूरी है।
GST rates clarification: खुदरा कारोबारी या वितरक से 25 KG पैक सामान लाकर उसे खुले में बेचता है तो इस पर जीएसटी नहीं लगेगा।
ज्यादातर आम उपयोग की वस्तुओं को जीएसटी से छूट दी गई है, जबकि विलासितापूर्ण और समाज/स्वास्थ्य की दृष्टि से अहितकर वस्तुओं पर सर्वोंच्च 28 प्रतिशत दर है।
भार्गव ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में वाहन उद्योग की वृद्धि दर अच्छी रही है और मुझे नहीं लगता कि किसी को भी कम मांग का सामना करना पड़ा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने उद्योग जगत के साथ एक बातचीत में कहा था कि दोपहिया वाहन न तो लक्जरी और न ही नुकसानदेह सामान है, अत: जीएसटी दर में संशोधन किया जा सकता है।
बुधवार को ही वित्त मंत्री के सामने इंडस्ट्री ने दलील दी थी कि दोपहिया वाहन लग्जरी आइटम नही हैं इसलिए इसकी जीएसटी दरों में समीक्षा की जानी चाहिए। फिलहाल दोपहिया वाहनों पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है।
बेंग्लुरू की रेडी-टू-ईट फूड बनाने वाली कंपनी के मामले पर दिया गया फैसला
सूत्रों ने यह भी कहा कि सरकार ने अभी राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए घाटे के मौद्रीकरण (नोट छाप कर पूरा करने) के बारे में कोइ निर्णय नहीं लिया है।
जीएसटी परिषद ने मोबाइल फोन पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) दर को 12 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने का फैसला किया है।
वित्त मंत्री की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक में फैसला
वित्त मंत्री ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में दरों के स्थायित्व की आवश्यकता पर भी बल दिया।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की ऊंची दर, आयात शुल्क और पंजीकरण कर की वजह से देश का लक्जरी कार क्षेत्र आगे नहीं बढ़ पा रहा है और सरकार को आगामी बजट 2020 में इनकी दरों में कटौती लानी चाहिए।
उद्योग मंडल एसोचैम ने निवेश और उपभोग मांग बढ़ाने के लिये बुधवार को सरकार से सभी स्तरों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरें छह महीने के लिए 25 प्रतिशत तक घटाने का सुझाव दिया है।
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