नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने यात्री वाहनों पर तत्काल जीएसटी दर कम करने की आवश्यकता से इनकार किया है। कंपनी ने कहा है कि उसे अगले कुछ महीनों तक मांग बेहतर रहने की संभावना है इसलिए उसे नहीं लगता कि यात्री वाहनों पर जीएसटी कम करने की तत्काल जरूरत है। घरेलू यात्री वाहन बाजार में लगभग 50 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी वाली मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा कि यदि भविष्य में मांग कमजोर पड़ती है तब सरकार को जीएसटी दर कम करने पर विचार करना चाहिए।
भार्गव ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में वाहन उद्योग की वृद्धि दर अच्छी रही है और मुझे नहीं लगता कि किसी को भी कम मांग का सामना करना पड़ा है। भार्गव ने कहा कि जब मांग बेहतर है तो ऐसे समय पर राहत देना अनावश्यक है। यदि मांग कम होती है तब सरकार को हस्तक्षेप करने की जरूरत होगी।
दूसरी तिमाही में हुआ 1,419 करोड़ रुपये का लाभ
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 2.04 प्रतिशत बढ़कर 1,419.6 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसका कारण बिक्री में वृद्धि है। कंपनी को साल भर पहले की समान तिमाही में 1,391.1 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। कंपनी ने एक बयान मे बताया कि इस दौरान परिचालन से प्राप्त राजस्व 10.34 प्रतिशत बढ़कर 18,755.6 करोड़ रुपये हो गया। यह साल भर पहले 16,997.9 करोड़ रुपये रहा था।
कंपनी ने कहा कि मांग में कुछ सुधार होने तथा आपूर्ति के क्रमिक तौर पर बेहतर होने से दूसरी तिमाही में प्रदर्शन में सुधार हुआ है। कंपनी ने कहा कि लोगों की अधिकतम सुरक्षा की हमारी नीति तथा यह सुनिश्चित करने के सभी प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए कंपनी के कारखानों में उत्पादन बढ़ा है और आपूर्ति श्रृंखला धीरे-धीरे बेहतर हो रही है। कंपनी ने बताया कि इस दौरान एकल आधार पर उसका शुद्ध लाभ साल भर पहले की समान अवधि के 1,358.6 करोड़ रुपये से एक प्रतिशत बढ़कर 1,371.6 करोड़ रुपये हो गया।
कंपनी ने बताया कि उसकी शुद्ध बिक्री साल भर पहले की तुलना में 9.7 प्रतिशत बढ़कर 17,689.3 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी। उसने कहा कि सितंबर तिमाही में 3,93,130 वाहनों की बिक्री की गयी, जो साल भर पहले की समान अवधि की तुलना में 16.2 प्रतिशत अधिक है। इस दौरान घरेलू बिक्री 18.6 प्रतिशत बढ़कर 3,70,619 इकाइयों पर पहुंच गयी। हालांकि इस दौरान निर्यात में गिरावट देखने को मिली। यह साल भर पहले की तुलना में 12.7 प्रतिशत कम होकर 22,511 इकाइयों पर आ गया।