दिल्ली मेट्रो ने बुधवार को अपने संचालन के 23 साल पूरे कर लिए। इस मौके पर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने एक खास जानकारी साझा करते हुए बताया कि साल 2002 में नेटवर्क में शामिल की गई पहली मेट्रो ट्रेन आज भी यात्रियों को लेकर ट्रैक पर सक्रिय रूप से दौड़ रही है। दिल्ली मेट्रो की शुरुआत 24 दिसंबर 2002 की सुबह हुई थी। तब से लेकर अब तक यह देश की सबसे भरोसेमंद और सफल मास रैपिड ट्रांजिट प्रणालियों में शुमार हो चुकी है। डीएमआरसी ने अपनी 23वीं वर्षगांठ पर जारी बयान में कहा कि ट्रेन सेट TS#01, जो दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की पहली ट्रेन थी, आज भी सक्रिय बेड़े का हिस्सा है। यह मेट्रो सिस्टम की बेहतर मेंटेनेंस व्यवस्था और लंबी अवधि की विश्वसनीयता को दर्शाता है।
यह ट्रेन लगभग 29 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी
डीएमआरसी के मुताबिक, TS#01 को समय-समय पर वैश्विक तकनीकी मानकों और यात्रियों की बढ़ती जरूरतों के मुताबिक अपग्रेड किया गया है। शुरुआत में चार कोच के साथ चलाई गई इस ट्रेन को 2014 में छह कोच और फिर 2023 में आठ कोच तक विस्तारित किया गया। अब तक यह ट्रेन लगभग 29 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी है और 6 करोड़ से अधिक यात्रियों को सुरक्षित सफर करा चुकी है। इसके अलावा ट्रेन में अब तक करीब 24 लाख बार दरवाजों का संचालन हो चुका है।

ट्रेन की लागत करीब 24 करोड़ रुपये थी
डीएमआरसी ने बताया कि इस ट्रेन का निर्माण दक्षिण कोरिया के MRM कंसोर्टियम ने किया था। इसे पहले समुद्री मार्ग से कोलकाता लाया गया और बाद में भारतीय रेल नेटवर्क के जरिए दिल्ली पहुंचाया गया। उस समय चार कोच वाली इस ट्रेन की लागत करीब 24 करोड़ रुपये थी। तकनीकी खूबियों की बात करें तो TS#01 में रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम लगा है, जो संचालन के दौरान खर्च होने वाली ऊर्जा का लगभग 40 प्रतिशत दोबारा उत्पन्न करता है। इससे ऊर्जा की बचत के साथ-साथ कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आती है।
मेंटेनेंस के मामले में एक मिसाल
मेंटेनेंस के मामले में भी यह ट्रेन एक मिसाल बन चुकी है। DMRC के मुताबिक, ट्रेन की अब तक दो बड़ी ओवरहॉलिंग की जा चुकी हैं। समय पर रखरखाव के कारण इसने 85,000 किलोमीटर का Mean Distance Between Failures (MDBF) हासिल किया है, जो तय मानक 40,000 किलोमीटर से कहीं अधिक है। साल 2024 में ट्रेन का मिड-लाइफ रिहैबिलिटेशन किया गया, जिसके तहत इसे कई आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया। इनमें IP आधारित पैसेंजर अनाउंसमेंट सिस्टम, CCTV कैमरे, पैसेंजर इमरजेंसी अलार्म, LCD आधारित डायनेमिक रूट मैप, नए दरवाजे, फायर डिटेक्शन सिस्टम, अपग्रेडेड रिले पैनल, मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग पॉइंट्स के साथ इंटीरियर का नया लुक शामिल है।
DMRC के प्रिंसिपल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (कॉरपोरेट कम्युनिकेशन) अनुज दयाल ने कहा कि TS#01 इस बात का बेहतरीन उदाहरण है कि समय पर रखरखाव और आधुनिक अपग्रेड के जरिए रोलिंग स्टॉक की उम्र को काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है, साथ ही यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा भी सुनिश्चित की जा सकती है।



































