31 मार्च यानि कि मौजूदा वित्त वर्ष का अंत करीब आने वाला है। इस समय ज्यादातर वेतन भोगी टैक्स सेविंग के लिए निवेश की जल्दबाजी में होंगे। अक्सर लोग जीवन बीमा या फिर बैंक एफडी जैसे पुराने टैक्स सेविंग विकल्पों में निवेश करते हैं जो कि मौजूदा जरूरत
आज हम आपको बताएंगे कि ELSS की श्रेणी में वे कौन से पांच टैक्स सेविंग फंड हैं जिन्होंने 3 और पांच साल में अपनी ही श्रेणी के अन्य फंडों के तुलना में सबसे अधिक रिटर्न दिया है।
धारा 80C के तहत आप टैक्स सेविंग के लिए अधिकतम डेढ़ लाख रुपए का निवेश कर सकते हैं। वैसे तो धारा 80C के तहत बचत और निवेश के विकल्पों की भरमार है लेकिन ELSS कई मायनों में अन्य विकल्पों से बेहतर है।
प्रमुख घरेलू ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स ने अपनी कॉम्पैक्ट सेडान टिगोर के इलेक्ट्रिक संस्करण की पहली खेप बुधवार को गुजरात के साणंद स्थित फैक्टरी से रवाना की।
वित्त मंत्रालय ने ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की सभी इमारतों में ऊर्जा दक्ष उपकरण लगाने को अनिवार्य बना दिया है।
आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं तो यह खबर आपको मुश्किल में डाल सकती है। सरकार अगल वित्त वर्ष से डिविडेंड पर 10 फीसदी टैक्स लगाने की तैयार कर रही है।
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड कोषों (ईटीएफ) को लेकर निवेशकों का आकर्षण कम हुआ है। अप्रैल में निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ से 66 करोड़ रुपए की निकासी की है।
फायदे के मामले में देश में शेयर केंद्रित ज्यादातर म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन दिसंबर 2016 को समाप्त एक वर्ष के दौरान प्रमुख शेयर सूचकांकों की तुलना में कम रहा।
इनकम टैक्स बचाने के साथ-साथ आप 40 फीसदी तक का सालाना रिटर्न पा सकते हैं। टैक्स सेविंग के लिए ELSS चुन कर आप दोहरा लाभ उठा सकते हैं। लॉक-इन अवधि भी 3 साल है।
वैसे तो धारा 80सी के तहत बचत और निवेश के विकल्पों की भरमार है लेकिन ELSS लाॅन्ग टर्म रिटर्न और लॉक इन अवधि के नजरिए से अन्य विकल्पों से बेहतर है।
टैक्स सेविंग के लिए धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रपए तक सीमा से नीचे जितनी राशि कम पड़ रही है आप उसे ELSS में निवेश करके दोहरा फायदा उठा सकते हैं।
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