घरेलू एफएमसीजी प्रमुख डाबर इंडिया के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने कहा कि वह अपने खराब प्रदर्शन वाले उत्पादों को युक्तिसंगत बनाने के तहत चाय, वयस्क और शिशु डायपर तथा सैनिटाइजिंग उत्पादों जैसी श्रेणियों से बाहर निकल जाएगी।
एडब्ल्यूएल एग्री बिजनेस ने विशेष रूप से फूड कैटेगरी में शहरी बाजारों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर ग्रोथ दर्ज करने की बात कही। मैरिको ने बताया कि पिछली तिमाही में एफएमसीजी सेक्टर में 'ग्रामीण बाजार में सुधार' के साथ स्टेबल डिमांड का रुझान देखा गया।
क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में 50-100 बीपीएस की गिरावट के बाद, वित्त वर्ष 2026 में परिचालन लाभप्रदता 20-21 प्रतिशत पर स्थिर लेकिन स्वस्थ रहने की उम्मीद है।
व्यापारियों के प्रमुख संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की एक रिपोर्ट के अनुसार, महाकुंभ से क्षेत्र में लगभग दो लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है।
नेस्ले इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सुरेश नारायणन के अनुसार, अगर कंपनियों के लिए कच्चे माल की लागत का प्रबंधन मुश्किल हो जाएगा तो इससे कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
हिंदुस्तान यूनिलीवर ने इस अंतरिम डिविडेंड के भुगतान के लिए रिकॉर्ड डेट भी फिक्स कर दिया है। एक एक्सचेंज फाइलिंग में हिंदुस्तान यूनिलीवर ने बताया कि शेयरहोल्डरों को दिए जाने वाले 29 रुपये के इस अंतरिम डिविडेंड के लिए 6 नवंबर को रिकॉर्ड डेट के रूप में फिक्स किया गया है।
सितंबर तिमाही में कंपनी का कुल व्यय 12,581 करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 3.03 प्रतिशत ज्यादा है। इस दौरान एचयूएल की कुल इनकम पिछले साल की दूसरी तिमाही के मुकाबले 2.14 प्रतिशत बढ़कर 16,145 करोड़ रुपये हो गई।
एचयूएल, आईटीसी, डाबर, ब्रिटानिया, नेस्ले और इमामी जैसी प्रमुख एफएमसीजी कंपनियों की जून तिमाही की आय में ग्रामीण बाजारों से ‘अच्छी खबर’ और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के जरिये मजबूत वृद्धि हुई है।
क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक रवींद्र वर्मा ने कहा, "उत्पाद खंडों और फर्मों के लिए राजस्व वृद्धि अलग-अलग होगी। ग्रामीण मांग में सुधार से इस वित्त वर्ष में एफएंडबी खंड में आठ-नौ प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस की एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘भविष्य की ओर देखें तो भारत में एफएमसीजी सेक्टर निरंतर वृद्धि के लिए तैयार है। पूर्वानुमानों के अनुसार, 2024 में इसमें सात से नौ प्रतिशत की वृद्धि होगी।’’
कंसल्टिंग फर्म कांतार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 की तिमाही में उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) की बिक्री शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में तेज गति से बढ़ने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण भारत में रिवाइवल की उम्मीद नजर आ रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण बाजार में साल 2024 में पुनरुत्थान होने की संभावना है। जहां शहरी क्षेत्र के तनाव में रहने की संभावना है, वहीं ग्रामीण क्षेत्र साल की दूसरी तिमाही में अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि एविएशन इंडस्ट्री भी बड़े पैमाने पर प्रदेश में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने जा रही है। इस सेक्टर में सबसे बड़ा निवेश एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्रा. लि. द्वारा किया जा रहा है।
बाजार के जानकारों के अनुसार कंपनियां एक ओर जहां साबुन तेल मंजन आदि की कीमतों में कटौती कर सकती हैं, वहीं बिस्किट आदि खाने पीने के सामान का वजन बढ़ाकर ग्राहकों को आकर्षित कर सकती हैं।
सरकार के लिए बजट में अब प्रमुख चुनौती बढ़ती महंगाई के बीच अर्थव्यवस्था में मांग को बरकरार रखने की है। इसके लिए गांवों में उपभोक्ताओं के हाथों में काम की उपलब्धता बढ़ानी होगी।
इंडिपेंडेंस ब्रांड के लॉन्च के अवसर पर रिलायंस रिटेल की निदेशक, ईशा अंबानी ने कहा कि मुझे स्वयं का ब्रांड इंडिपेंडेंस के लॉन्च की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।
गोदरेज नंबर 1 साबुन के बंडल पैक (प्रत्येक 100 ग्राम की पांच यूनिट) की कीमत 140 रुपये से घटाकर 120 रुपये कर दी है।
FMCG Companies: दूसरी तिमाही में FMCG कंपनियों पर महंगाई की मार पड़ने जा रही है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रोजमर्रा के उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाले एफएमसीजी उद्योग के लिए कुछ कच्चे माल की आपूर्ति पर महंगाई का दबाव कम होने के बावजूद विनिर्माताओं को यह आशंका सता रही है
इसके अलावा इन कंपनियों ने किसी उत्पाद के बड़े पैकेट के दाम में बढ़ोतरी की है। हालांकि, यह वृद्धि भी 10 प्रतिशत से कम की है।
चिप्स,बिस्किट और नमकीन के छोटे पैकेट का बाजार ज्यादा बड़ा है। इसमें 5 रुपये और 10 रुपये के पैकेट का एक अलग उपभोक्ता वर्ग है जिसकी संख्या अधिक है।
लेटेस्ट न्यूज़